उत्तर नारी डेस्क
सिद्धबली मन्दिर कोटद्वार में प्रतिवर्ष मेले का व झांकी का आयोजन किया जाता है। जिसमें कोटद्वार शहर के अलावा देश के अन्य राज्यों से श्रद्धालुगण दर्शनार्थ हेतु आते हैं।
चूंकि सिद्धबली मन्दिर गढ़वाल का सुप्रसिद्ध मन्दिर है जहां पर मेले के दौरान वाहनों का अत्यधिक आवागमन व श्रद्धालुओं की भीड़ अधिक लगने के कारण जाम की स्थिति उत्पन्न हो जाती है।
ऐसे में 5, 6 व 7 दिसंबर को होने वाले श्री सिद्धबली महोत्सव के लिए पुलिस प्रशासन ने कमर कस ली है। तीन दिनों तक चलने वाले महोत्सव के दौरान ट्रैफिक डायवर्ट रहेगा। जो निम्नवत है :-
डायवर्जन प्लान
1- कौड़िया की तरफ से दुगड्डा की ओर जाने वाले बसे/चौपहिया वाहन बालासौड़ तिराहा से देवी मंदिर की तरफ डायवर्ट किये जायेंगे, जो घराट रोड व डिग्री कॉलेज रोड से होते हुए जायेंगे।
2- होटल कार्बेट से मंदिर की ओर कोई भी चौपहिया वाहन नही आने दिया जायेगा।
3- शहर क्षेत्र में यातायात का अधिक दबाव होने पर पौड़ी मार्ग से आने वाले चौपहिया वाहनों को बुद्धा पार्क से डिग्री कॉलेज की तरफ डायवर्ट किया जायेगा।
4- श्रृद्धालुओ को ले जाने वाले सभी ऑटो/ई-रिक्शा का संचालन गिंवईस्रोत पुल/पुलिण्डा तिराहा तक ही रहेगा।
5- ग्रास्टन गंज से जाने वाले सभी ऑटो/ई-रिक्शा को होटल सूर्य प्लाजा/बैरियर प्वाइंट से वापिस कर दिया जायेगा।
पार्किंग प्लान
1- नजीबाबाद की तरफ से मंदिर आने वाले श्रृद्धालुओ के ट्रैक्टरों/बसों/चौपहिया/दुपहिया वाहनों को डिग्री कॉलेज में पार्क कराया जायेगा।
2- पौडी की तरफ से मंदिर आने वाले श्रृद्धालुओ के वाहनों को वन विभाग/PWD/जल संस्थान वाली तीनो पार्किंग व अन्य छोटी-छोटी पॉकेट पार्किंग में पार्क कराया जायेगा।
3- मेले में नजीबाबाद की तरफ से कार द्वारा जाने वाले श्रृद्धालुओ के वाहनों को ऑडिटोरियम पेट्रोल पम्प से सीधे दाहिने टर्न करके ग्रास्टन गंज में पार्क कराया जायेगा। जहाँ से श्रृद्धालु पैदल मेले तक जा सकेंगे।
4- मंदिर आने वाले श्रृद्धालुओ के कुछ वाहनों को सिद्धबली बैरियर से आगे पॉकेट पार्किंग व्यवस्थित पार्क कराया जायेगा।
नो एन्ट्री
1- श्री सिद्धबली वार्षिक अनुष्ठान महोत्सव 2025 के दृष्टिगत प्रातः 08 बजे से रात्रि 09.00 बजे तक शहर क्षेत्र में भारी वाहन पूर्णतः प्रतिबन्धित रहेगे।
नोट- यातायात का दबाव बढ़ने पर रुट डायवर्ट में जो जनता के हित में हो तथा उन्हें किसी भी प्रकार के आवागमन की समस्या न हो आदि परिस्थितियों को देखकर अतिरिक्त बदलाव भी किया जा सकता है।

