Uttarnari header

कोटद्वार के शुभम बिष्ट को वर्दी पहनने के जुनून ने दिलाई सफलता

उत्तर नारी डेस्क 

कोटद्वार के शुभम बिष्ट को वर्दी पहनने के जुनून ने दिलाई सफलता

मुश्किलें कई आईं, लेकिन सेना की वर्दी पहनने के जुनून ने शुभम बिष्ट को सफलता दिला ही दी। मूल रूप से पौड़ी निवासी शुभम बिष्ट का परिवार कोटद्वार नगर के कोटडीढांग, सनेहमल्ली क्षेत्र में रह रहा है। वह एक सैनिक परिवार से तालुकात रखते हैं। 

बता दें, शनिवार को देहरादून में IMA की ट्रेनिंग पूरी कर पास आउट करने के बाद शुभम ने पूरे कोटद्वार को और अपने माता पिता को भी गोरवान्वित कर दिया। शुभम बिष्ट की प्रारंभिक शिक्षा कोटडीढांग के ज्ञानोदय विद्यालय से शुरू होने के बाद जूनियर शिक्षा ब्लूमिग वैल पब्लिक स्कूल से शिक्षा प्राप्त की। 

शुभम बिष्ट ने सैनिक स्कूल घोड़ाखाल नैनीताल से 12वीं पास करने के बाद कोटद्वार पीजी कॉलेज से स्नातक किया। 

शुभम बताते हैं कि 12वीं के बाद एनडीए में चयन नहीं होने के दुख ने ही उन्हें सीडीएस की तैयारी दोगुनी मेहनत के साथ करने की प्रेरणा दी। स्नातक के बाद उन्होंने सीडीएस की कोचिंग लेना शुरू कर दिया, साथ ही ओपन विवि से सामाजिक शास्त्र में स्नातकोत्तर की पढ़ाई भी की।

इस बीच कई दफा उन्हें सेना की तैयारी छोड़ दूसरी नौकरी करने का विचार भी आया, लेकिन सेना की वर्दी पहनने का मन इतना था कि असफलता के आगे हार नहीं मानी। 2019 में सीडीएस की परीक्षा पास कर ही ली। शुभम के पिता हसवंत सिंह बिष्ट भी ऑनरेरी कैप्टन पद से सेवानिवृत्त हैं और माँ ममता बिष्ट गृहणी हैं। शुभम बिष्ट के नाना और दादाजी सैनिक परिवार से संबंधित रखते हैं। उनके दादा भोपाल सिंह सेना में सूबेदार रह चुके थे, तो नाना भी मोहन सिंह सेना में सूबेदार पद पर रह चुके हैं।  

शुभम बिष्ट ने बताया कि उनकी सफलता का राज उनके गुरुजन माता पिता और नाना नानी है। नाना ने हमेशा सेना में कमीशन प्राप्त करने के लिए प्रेरित किया। पिता आनरेरी कैप्टन हसवंत सिंह ने सेना में अधिकारी बनने के लिए गाइड लाइन दी। अपनी सफलता का राज अपने भाई, बहनों, माता-पिता एवं गुरुजनों को देते हैं।

Comments