उत्तर नारी डेस्क
उत्तराखण्ड के कई पर्वतीय गांव आज भी पेयजल की समस्या को लेकर परेशान नज़र आते है खासकर महिलाओं को जिन्हें कोसों दूर पानी लेने जाना पड़ता है।
आपको बता दें, इस संकट से नजाने कितने गांव जूझ रहे हैं। ऐसा ही एक गांव नैनीताल जिले में भी है जहाँ पानी को लेकर काफी समय से लोग परेशान है। इसी सम्बन्ध में बेतालघाट व ताडी़खेत ब्लॉक के गांव की महिलाओं की संयुक्त बैठक में तमाम बिंदुओं पर विस्तार से चर्चा की गई। जहाँ सिर्फ पेयजल को लेकर ही नहीं बल्कि जंगली जानवरों से चौपट हो रही खेती को बचाने के लिए भी ठोस कदम उठाए जाने की मांग उठाई गई।
महिलाओं द्वारा हुई इस बैठक में कई मुद्दों पर बात की गई बेतालघाट व ताडी़खेत ब्लॉक से सटे चापड़ गांव में हुई बैठक में महिलाओं ने पेयजल व्यवस्था दुरुस्त किए जाने की पुरजोर मांग उठाई। कहा कि भारी-भरकम बजट खर्च होने के बावजूद गांवों में पानी के लिए अकाल पड़ा हुआ है और इससे निज़ात पाने के लिए सभी महिलाओं ने कोसी नदी से पेयजल पंपिंग योजना का निर्माण कराए जाने की मांग उठाई। खेती-बाड़ी चौपट होने का ठीकरा भी विभागों के सिर फोड़ा। उन्होंने कहा कि यदि विभाग खेतों में तार बाड़ तथा सूअर रोधी दीवार का निर्माण करें, तो काफी हद तक खेती को बचाया जा सकता है।
ऐसी ही बैठक अगर गांव की हर महिलाएँ करती रही तो उनका आत्मविश्वास ज़रूर बढ़ेगा जिस से वे अपने हक़ को लेकर लड़ सके।