उत्तर नारी डेस्क
उत्तराखण्ड पुलिस के जवानों ने त्रिवेणीघाट में टापू में फंसे दिल्ली के 5 पर्यटकों को बचा कर उनका रेस्क्यू किया है। आपको बता दें, जब पुलिस के जवानों को पर्यटक के टापू में चीख पुकार करते हुए सुना गया तो वह तुरंत हरकत में आये और उन्हें रेस्क्यू किया।
बताते चलें, त्रिवेणीघाट पर गंगा के दूसरी ओर नदी का जलस्तर बढ़ने से दिल्ली के पर्यटक टापू में फंस गए। नदी का जलस्तर बढ़ते देख पर्यटक मदद को आवाज लगाने लगे। पर्यटकों की आवाज सुनकर घाट पर तैनात जल पुलिस ने राफ्ट की मदद से रेस्क्यू कर पर्यटकों को सकुशल बचाया। इससे पहले भी त्रिवेणीघाट पर वैकल्पिक और मुख्यधारा के बीच बने टापू पर कई पर्यटक फंस चुके हैं। घटना पर रोक लगाने के लिए वहाँ पर पुलिस ने चेतावनी बोर्ड भी लगा रखा है। इसके बावजूद पर्यटक रोकने पर कई बार पर्यटक पुलिस से उलझते हैं और टापू में पहुंचकर खुद की जान को संकट में डाल लेते हैं।
उल्लेखनीय है कि पूर्व में जल पुलिस लाइफ जैकेट और रस्सों के सहारे ही रेस्क्यू करती थी। परन्तु डी.जी.पी.अशोक कुमार ने ऋषिकेश व्यापार मंडल के श्रद्धालओं की सुरक्षा हेतु किये गये अनुरोध पर त्रिवेणी घाट पर जल पुलिस की टीम को मय राफ्ट नियुक्त करने हेतु निर्देशित किया है और इसी के चलते वहां पर मौजूद जल पुलिस की टीम ने उन्हें मौके पर बचा लिया।
रविवार को ग्रेटर नोएडा, दिल्ली के पर्यटक तीर्थनगरी घूमने आए थे। घूमने के दौरान वे त्रिवेणीघाट में पक्के घाट को छोड़ गंगा के दूसरी ओर निकल गए। नदी का जलस्तर कम होने के कारण ये सब लोग सरलता से दूसरी ओर पहुंच गए। करीब एक घंटे बाद दोपहर दो बजे जब यह लोग उस ओर से इस ओर आने लगे तो देखा नदी का जलस्तर बढ़ गया है और दूसरी ओर जाने के लिए कोई रास्ता भी नहीं है। नदी का जलस्तर बढ़ने से इन्होंने मदद के लिए आसपास आवाज देना शुरू कर दिया। इस दौरान घाट पर तैनात जल पुलिस के जवान धनवीर नेगी, हरीश गुसाईं, जितेंद्र, दिवाकर, राकेश और विपिन त्यागी ने नदी में राफ्ट डालकर, रेस्क्यू कर इन्हें सकुशल बचाया। पर्यटकों ने सकुशल बचाने के लिए जल पुलिस का आभार व्यक्त किया।