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पौड़ी : महादेव का प्रसिद्ध महाबगढ़ मंदिर, पढ़े इसके बारे में

उत्तर नारी डेस्क

देवभूमि उत्तराखण्ड दुनियाभर में अपनी अलग पहचान बना चुका है और यहां की सुंदरता और मनमोहक कथाएं लोगो को यहां के तीर्थस्थानों की ओर खींच लाता है और इन्हीं तीर्थस्थानों से जुड़ी देवताओं से संबंधित अनेक कथाएं दुनियाभर में प्रचलित हैं। ऐसी ही एक मंदिर के बारे में हम आपको बतायंगे। 

जो पौड़ी गढ़वाल जिले के यमकेश्वर ब्लॉक में स्थित है। महाबगढ़ मंदिर……..

महाबगढ़ का एक एतिहासिक क्षेत्र है। जो कि पर्वत श्रृंखलाओं में कई ऋषि मुनियों जैसे मृकुंड, मार्कण्डेय, कश्यप, और कण्व ऋषि जैसे तपस्वियों की तपोस्थली रही है, जहां दुर्वासा ऋषि भ्रमण करते थे। इसका वर्णन विष्णु पुराण में मिलता है। महाबगढ़ मंदिर के अंतर्गत पौराणिक पर्वत श्रृंखला और अनेकों ऋषि मुनियों की ध्यान तपोस्थली, आश्रमों और सिद्धपीठों का उल्लेख कई पौराणिक ग्रंथों में जैसे विष्णु पुराण, महाभारत काल का भीष्म पर्व, कालिदास के अभिज्ञान शाकुंतलम् आदि पुराणों में वर्णित है, जिसमें मणिकूट पर्वत एवं हिमकूट पर्वत उल्लेखनीय है। मणिकूट पर्वत में नीलकंठ महादेव, यम्केश्वर महादेव, मां भुवनेश्वरी देवी आदि देव स्थल हैं। दूसरी ओर हिमकूट पर्वत श्रृंखलाओं से जुड़े महबगढ़ शिवालय, कोटेश्वर महादेव मंदिर स्थित हैं। उन्हीं में से एक महबगढ़ शिवालय है। जिसकी कुदरत के नजारे आप यहाँ आकर स्वयं देख सकते हैं। क्यूंकि यहाँ से सूर्योदय और सूर्यास्त के अलौकिक नजारे दिखाई देते है।

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आपको बता दें उत्तराखण्ड के पौड़ी गढ़वाल जिले के यम्केश्वर ब्लॉक में स्थित यह महाबगढ़ मंदिर कोटद्वार से 65 किलोमीटर की दूरी पर है। महबगढ़ शिवालय पर्वतराज कैलाश के ठीक सामने विराजमान एक प्राचीन धार्मिक स्थल है। जानकारी अनुसार महाबगढ़ शिवालय अष्ट मूर्तियों में विराजमान हैं, राजशाही काल में गढ़वाल के 52 गढ़ों में से एक प्रसिद्ध गढ़ महाबगढ़ भी था जो राजा भानु देव असवाल के राज्य का हिस्सा था जो बाद में असवाल गढ़ के रूप में भी प्रचलित हुआ। 

महाबगढ़ शिवालय पूर्व में विभिन्न सिद्ध नामों से भी विख्यात था जैसे कि पाबगढ़, माबदेवगढ़, मारीचीगढ़, किमपुरुष शिवालय। आज भी यह देवस्थान सच्चे भक्तों का पुत्रकामना सिद्ध पीठ माना जाता है। इसी शिवालय की महाभारत काल में पांडवों ने अष्टमूर्ति रूप भगवान शिव की पूजा अर्चना की। प्राचीन काल में यह मारीची गढ़ ऋषि कश्यप की तपोस्थली था।

वहीं महाबगढ़ मंदिर से आपको कोटद्वार, हरिद्वार, गंगानदी, ऋषिकेश, देहरादून, लैंसडौन, मसूरी सहित हिमालय की सभी प्रमुख चोटियां बन्दरपूँछ, गंगोत्री, केदारनाथ, चौखंबा, नंदा देवी, त्रिशूल और पंचाचूली शिखर दिखाई देते हैं। महाबगढ़ एक प्राचीन धार्मिक स्थल है, जहां हज़ारो श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं। कहा जाता है कि महाबगढ़ मंदिर की छाया हर की पेड़ी में पडती है, जिसे देखने के लिए लोग अक्सर यहां आते हैं।

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