उत्तर नारी डेस्क
किसानों द्वारा आहूत भारत बन्द के आह्वान का जिले में भरपूर समर्थन मिला। सम्पूर्ण जिले में किसानों के आन्दोलन को समर्थन देते हुये प्रान्तीय उद्योग व्यापार मण्डल द्वारा सम्पूर्ण बाजार बन्द रखा गया। जिला मुख्यालय रूद्रपुर सहित किच्छा में भी बाजार पूरी तरह बन्द रहा। किच्छा प्रान्तीय उद्योग व्यापार मण्डल कोषाध्यक्ष राजकुमार बजाज के नेतृत्व में नगर के समस्त व्यापारियों ने मंगलवार सुबह से भीम राव अम्बेडकर चैक, आदित्य चैक सहित मुख्य मार्केट में दीन दयाल चैक, महाराणा प्रताप चैक के समीप स्थित दुकानदारों का समर्थन पाते हुये बाजार बन्द कर दिया। इसी दौरान नगर के महाराणा प्रताप चैक पर किसानों को समर्थन देते हुये व्यापारियों ने जोरदार प्रदर्शन और नारेबाजी करते हुये धरना प्रदर्शन किया।
प्रान्तीय उद्योग व्यापार मण्डल कोषाध्यक्ष राजकुमार बजाज ने किसानों पर थोपे तीनों काले कानूनों को तुरन्त रद्द करने की मांग करते हुये कहा कि यह कानून भाजपा सरकार की किसान विरोधी सोच को स्पष्ट उजागर करते हैं। सरकार अपने भागीदार काॅरपोरेट जगत के बिचैलियों और उद्योगपतियों को इन कानूनों की आड़ देकर किसानों की फसल की लूट के रास्ते खोल रहे हैं। इन कृषि कानूनों से समस्त छोटे किसान अपनी फसलों को बड़े उद्योगपतियों को औने पौने दाम पर बेचने को मजबूर हो जायेंगें। सरकार ने खुलेआम लूट को बढ़ावा देते हुये अन्नदाता को उद्योगपतियों के हाथों की कठपुतली बना दिया है। किसानों की लड़ाई में व्यापारी वर्ग पूरी तरह किसानों के साथ है। कोरोना महामारी के दौर में अन्नदाता ने देश के हर आम नागरिक के लिये अपने अन्न के भण्डार खोल दिये परन्तु आज सरकार अन्नदाता को ही सड़क पर खड़े करने के लिये मजबूर कर रही है। यदि सरकार ने जल्द ही किसानों की मांगों पर गौर नहीं किया तो आन्दोलन उग्र रूप धारण करेगा, व्यापारी वर्ग पूरी तरह किसानों के साथ है।
डाॅ0 गणेश उपाध्याय ने कहा -
उत्तराखण्ड हाईकोर्ट में किसान हित में याचिका दायरकर्ता डाॅ0 गणेश उपाध्याय ने कहा कि उत्तराखण्ड उच्च न्यायालय द्वारा जून 2018 में किसान हित में जो निर्णय दिया है उसे भाजपा सरकार ने प्रदेश में अभी तक लागू नहीं किया है। जिसमें उनके द्वारा मुख्य सचिव को अवमानना नोटिस तक भेजा जा चुका है। परन्तु प्रदेश सरकार के कानों पर जू तक नहीं रेंग रही। यदि उत्तराखण्ड हाईकोर्ट के निर्णय को प्रदेश सहित पूरे देश में लागू किया जाता तो आज किसान सड़कों पर उतरकर आन्दोलन करने को मजबूर नहीं होता। भाजपा सरकार उच्च न्यायालय तक के निर्णयों का पालन कराने में फेल हो चुकी है। पूरे देश में भाजपा सरकार के खिलाफ किसान सहित व्यापारी, मजदूर सभी एकजुट होकर सरकार के खिलाफ खड़ा हो चुका है।