उत्तर नारी डेस्क
यशोधर डबराल ऑयस्टर मशरूम का उत्पादन कर रहे हैं। उन्होंने कुछ वर्ष पूर्व राष्ट्रीय खुम्ब अनुसंधान केंद्र, चंबाघाट, सोलन, हिमाचल प्रदेश से प्रशिक्षण प्राप्त किया था। यशोधर डबराल ने बताया कि कोरोना संक्रमण काल के दौरान लगे लॉकडाउन के दौरान उन्होंने कुछ नया करने की सोची, परंतु उन्हें समझ नहीं आ रहा था कि कम पूंजी में कौन सा व्यवसाय किया जाए। आख़िर फिर उन्हें लगा कि ऑयस्टर मशरूम उत्पादन ही एक ऐसा व्यवसाय है जो कम समय और कम लागत में शुरू किया जा सकता है। उन्होंने मात्र 05 हज़ार की छोटी सी पूंजी लगाकर 10 गुणा 12 फुट के कमरे से ऑयस्टर मशरूम का उत्पादन शुरु किया। वर्तमान में वे 25 हज़ार रुपये प्रतिमाह का मशरूम उत्पादित कर रहे हैं। वे काफी उत्साही हैं और अपने ऑयस्टर उत्पादन की क्षमता को बढ़ाना चाहते हैं। उनका मानना है कि मशरूम उत्पादन के लिए थोड़ा तकनीकी ज्ञान का होना अति आवश्यक है। वह तकनीकी ज्ञान प्रशिक्षण से ही मिल सकता है अतः उन्होंने ऑयस्टर मशरूम उत्पादन में रुचि रखने वाले लोगों को प्रशिक्षण देने का कार्य भी शुरू किया है ताकि इस व्यवसाय से अधिक से अधिक लोग जुड़ें और मशरूम को घर-घर की ज़रूरत बना सकें।
मशरूम उत्पादन के साथ-साथ यशोधर डबराल मशरूम के विभिन्न प्रकार के अचार और पापड़ बनाने का प्रशिक्षण भी दे रहे हैं। ऑयस्टर मशरूम के गुणों के बारे में वे बताते हैं कि ये कई बीमारियों से लड़ने के लिए इम्युनिटी भी बढ़ाती है। इसमें कई विटामिन्स व खनिज लवण होते हैं। ये कोलेस्ट्रॉल को कम करने और कई प्रकार के कैंसर की रोकथाम में भी कारगर है। शीघ्र ही उनकी मशरूम का स्पॉन यानि बीज तैयार करने के लिए अपनी लैब बनाने की भी योजना है ताकि अन्य लोगों को मशरूम के बीज के लिए दिक्कत न हो। ऑयस्टर मशरूम उत्पादन का प्रशिक्षण लेने के लिए उनसे उनके मोबाइल संख्या 9837201473, 7983728889 पर सम्पर्क किया जा सकता है।