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राष्ट्रीय बालिका दिवस हम मनाते क्यों हैं? साथ ही इसका मुख्य उद्देश्य है क्या?

उत्तर नारी डेस्क 

संगीत हो या खेल का मैदान, चाहे सरहद पर देश की सेवा हो या घर में बड़ो कि सेवा, बेटियों ने हमेशा अपनी काबिलियत का लोहा मनवाया है और साबित किया है की बेटियां किसी से कम नहीं। परिवार हो या समाज हो उसमें उनकी बराबर की सहभागिता हो।

आज मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत द्वारा "राष्ट्रीय बालिका दिवस" के मौके पर सृष्टि को एक दिन का उत्तराखण्ड का मुख्यमंत्री बनाया गया है। बालिका दिवस के उपलक्ष्य में उन्होंने कहा कि बालिकाएं हो या महिलाएं वे अपने पैरों पर खड़ी हो। अब बेटियों को कोई कम न समझे, उन्हें सभी सपोर्ट करें।

राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने राष्ट्रीय बालिका दिवस पर प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं दी हैं। अपने संदेश में राज्यपाल ने कहा कि यह दिन बालिकाओं के समग्र विकास और कल्याण के लिए समर्पित है। इस अवसर पर हमें समाज में बालिकाओं के अधिकारों के प्रति लोगों को जागरुक बनाने के लिए विशेष प्रयास करने होंगे। उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा लिंगानुपात को बढ़ाने के लिए अनेकानेक प्रयास किये गये हैं। देश में महिलायें हर क्षेत्र में पुरूषों के कंधे से कंधा मिलाकर काम कर , देश के विकास में अपनी बराबर की भागीदारी निभा रही हैं। उन्होंने इस अवसर पर कन्या भ्रूण हत्या के समूल उन्मूलन तथा बालिका शिक्षा को प्रोत्साहन देने का संकल्प लेने की अपील की।

आपको बता दें की अब तक चार बार विधानसभा गठित हो चुकी है। जिसमें तीन बार लड़कियां मुख्यमंत्री बन चुकी है और एक बार लड़का और ये पद चुनाव से आया है। वहीं, राष्ट्रीय बालिका दिवस के मौके पर आज महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास विभाग की ओर से भी आयोजित समारोह में प्रदेश में 159 मेधावी छात्राओं को स्मार्ट फोन दिए जा रहे है ।

आइये आपको बताते है की राष्ट्रीय बालिका दिवस क्यों मनाया जाता है

दुनियाभर में लड़का और लड़की में भेदभाव की घटनाएं सामने आती हैं। बालिकाओं को उनके अधिकारों से वंचित रखा जाता है। बहुत सारे ऐसे मामले सामने आते हैं, जिनमें बालिकाओं को उनके जन्म से लेकर उनके पालन-पोषण के दौरान उन्हें शिक्षा, स्वास्थ्य और मानवाधिकारों की हकमारी की जाती है। राष्ट्रीय बालिका दिवस को मनाने का उद्देश्य लड़कियों को उनके अधिकार के प्रति जागरूक करना और उन्हें समाज में समान दर्जा दिलाना है। इसके अलावा दुनिया भर में लड़कियों के प्रति होने वाली लैंगिक असामानताओं को खत्म करने की दिशा में भी प्रयास करना है। 

राष्ट्रीय बालिका दिवस का उद्देश्य

राष्ट्रीय बालिका दिवस हर साल 24 जनवरी को मनाया जाता है। पहली बार इसे मनाने की पहल 2008 में हुई थी। महिला और बाल विकास मंत्रालय द्वारा शुरू किया गया राष्ट्रीय बालिका दिवस हमें बच्चियों के प्रति समाज में फैले असमानताओं और भेदभाव को समाप्त करने का संदेश देता है। इसका उद्देश्य है देश की आधी आबादी को भी समान अधिकार दिलाने का, कुरूतियों को मिटाने का और उन्हें शिक्षित करने के लिए समाज में जागरूकता फैलाना है। आज देश 13वां बालिका दिवस मनाने जा रहा है

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