उत्तर नारी डेस्क
पूर्व मुख्यमंत्री कांग्रेस राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत ने नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार के ग्रीन बोनस पर संयुक्त राष्ट्र संघ में मांग करने की मांग पर सवाल उठाए है और जमकर हमला बोला है।
हरदा ने सोशल मीडिया के जरिए एक पोस्ट साझा कर वार करते हुए कहा है कि उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने उत्तराखण्ड के जख्मों पर नमक छिड़कने का काम किया है।
हरीश रावत ने कहा कि नीति आयोग के माननीय उपाध्यक्ष हैस्को ग्राम पहुंचे, बहुत अच्छा लगा। मगर उन्होंने ग्रीन बोनस को लेकर एक अटपटा बयान दिया है, जिसने हमारे जख्मों पर नमक छिड़का है। हमको केवल एक बार केंद्र सरकार ने ग्रीन बोनस दिया है, वो UPA की सरकार के वक्त में मिला है। मगर सरकार परिवर्तन के साथ ग्रीन बोनस का मामला समाप्त हो गया। कहा कि इस बार उम्मीद जगी थी, मगर उस उम्मीद पर नीति आयोग के उपाध्यक्ष महोदय ने न केवल पानी डाल दिया है, बल्कि विषैला पानी डाल दिया है। उन्होंने कहा है कि उत्तराखंड को यूएनओ के पास ग्रीन बोनस के लिए अपील करनी चाहिये थी।
हरीश रावत ने सवाल किया कि क्या संघीय व्यवस्था में राज्यों को यह अनुमति है कि वो अपनी ग्रीन बोनस या दूसरी किसी भी मांग को लेकर के संयुक्त राष्ट्र संघ में जा सकें? हमको ऐसा रास्ता दिखा दिया कि हम घर मांग रहे थे और हमसे कहा कि वो आसमान पर चंद्रमा है, वहां आपके लिए घर बनाया जायेगा।आप वहां चले जाइए तो।
हरदा ने कहा कि ये उत्तराखण्ड के विवेक पर एक चोट है, एक अपमान है। इसकी क्षतिपूर्ति तभी हो सकती है जब नीति आयोग उत्तराखण्ड को पर्यावरणीय सेवाओं के लिए ग्रीन बोनस देने की केंद्र सरकार के पास संस्तुति करे।