उत्तर नारी डेस्क
उत्तराखण्ड में भिलंगना नदी पर बन रही हाइड्रो प्रोजेक्ट निर्माण के विरोध में टिहरी में एक समिति का गठन किया गया जिसका उद्देश्य प्रदेश के लिये विनाशकारी सिद्ध हो रहे जल विद्युत परियोजनाओं का विरोध था। इसी संदर्भ में मां भगवती रानीगढ के प्रागंण मैं आज पुनः बैठक का आयोजन किया गया ,
जो ग्राम पंचायत समणगांव के सम्मानित प्रधान आदरणीय श्री गोबर्धन प्रसाद जी की अध्यक्षता मैं सम्पन्न हुई।
बैठक मैं क्षैत्र के आदरणीय गणमान्य लोग पूर्व एवं वर्तमान जनप्रतिनिधि, समाजसेवी, युवा, बुद्धजीवियों ने इस बेठक में बढ चढकर भाग लिया, साथ ही इन पावर प्रोजेक्टो से होने वाले प्रलयकारी विनाश का आंकलन करते हुये शाशन प्रशासन से इन पावर प्रोजेक्टों पर पुर्णतः रोक लगाने कि मांग करते हुऐ , बेठक में एक संघर्ष समिति का गठन भी किया गया।
"भिलंगना घाटी जल जंगल जमीन बचाओ संघर्ष समिति " आम बेठक में सर्व सहमति से विभिन्न पदों पर निर्विवाद चयन किया गया।
अध्यक्ष
१ _ श्री भजन सिह रावत जी ,
उपाध्यक्ष
२ _ श्री नित्यानंद कोठियाल जी ,
सचिव
३ _ श्री मदन राणा जी
सहसचिव
४ _ श्री विनोद रावत
कोषाध्यक्ष
५ _ श्री राजेंद्र गुसांईं जी
७ _ सलाहकार... श्री विनोद बडोनी जी , उत्तम सिंह रावत जी , श्री धर्मवीर सिंह पंवार जी
वहां उपस्थित सभी लोगों ने एक सुर मैं ईन जलविद्युत परियोजनाओं का विरोध करते हुए हाल ही मैं हिमालयी क्षेत्रो मैं छेड़छाड़ का परिणाम ओर इससे हुऐ नुक्सान के भयावह परिणाम हेतु, अभी से इसके विरोध मैं लामबंद एवं एकजुट होने कि प्रतिवद्धता जाहिर की।
इसी संदर्भ में परगना घनसाली उपजिलाधिकारी महोदय को निम्न उल्लेखित बिदुओं पर ज्ञापन सौंपा गया, जिसमें एक सप्ताह के भीतर निम्न बिदुओं पर,
स्पष्टीकरण मांगा गया जिसमें.......
१: परियोजनाओं से संवधित (डी पी आर) डिटैल प्रोजक्ट रिपोर्ट
२: पर्यावरण जांच रिपोर्ट (इ आइ आर)
३: परियोजना से संवधित जनसुनवाई रिपोर्ट एवं सामिल सदस्यो के नाम
४: प्रभावित ग्राम पंचायतों से बैठक कि विस्तृत जानकारी
उपरोक्त बिंदुओं पर उपजिलाधिकारी महोदय को पत्र सोंपा गया जिसमें मांग की गयी की एक सप्ताह के भीतर सपष्टीकरण संघर्ष समिति को दिया जाए साथ ही इस अवधि मैं किसी भी प्रकार का कार्य इन प्रोजक्टो पर न किया जाए।
उक्त बैठक मैं ज्येष्ठ प्रमुख भिलंगना राजेंद्र गुसाईं जी ने कहा कि किसी भी प्रकार के कार्यों मैं सर्वप्रथम स्थानीय लोगो कि सहमति ग्राम सभाओ कि अनापत्ति होनी नितांत आवश्यक है सरकार ओर जन के बीच संवाद न होने से इस प्रकार की बधाए आती है सरकार को ग्रामीणों के साथ सामांजस्य बिठाकर एसे निर्णय लेने चाहिए जो विकासपुरक भी हो ओर क्षैत्र हित के लिए भी।
भजन रावत ने कहा कि सभी को एकजुटता का परिचय देना होगा ओर क्षेत्रहित को सर्वोपरि रखना होगा इस प्रकार कि परियोजनाए जहां विद्युत उत्पादन ओर विकास के लिए जरुरी है वहीं सरकार को इस प्रकार के अधांधुद निर्माणो से भी बचना चाहिए ओर क्षैत्रहित सर्वोपरि रखना चाहिए ओर ग्रामीणों से सांमाजस्य बैठाकर ही एसे निर्णय लैने चाहिए।
वहीं युवा समाज सेवी नित्यानंद कोठियाल ने कहा विद्युत आज के समय में बहुत जरूरी है परंतु सरकार को इन विनाशकारी जलविद्युत परियोजनाओं कि जगह सोलर उर्जा को प्राथमिकता देनी चाहिए।
अक्षित रावत, संजय बडोनी ने कहा कि हिमालयी क्षेत्रो में किसी भी प्रकार कि योजनाओं में वहां के युवा वहां के बेरोजगार को प्राथमिकता देनी होगी।
मदन राणा जी ने इस प्रकार की जलविद्युत परियोजनाओं को पूरी भिलंगना घाटी के लिए घातक बताया।
पुर्व क्षेत्र पंचायत सदस्य रमेश नेगी जी ने कहा कि जनविरोधी, ओर भविष्य को नुकसान देनी वाली एसी किसी भी परियोजना का निर्माण नही होने दिया जाएगा।
अर्जुन सिह, पवन राणा, मायाराम, बालकराम, कुवंर भण्डारी, भगवान सेमवाल, दीपक पैन्यूली, बिजय भण्डारी, मनोज नैगी, चन्द्रभुषण, जसबीर रोतेला, सुदंर रावत, बाग सिहं, धर्म नैगी, मायाराम मिश्रा, बाग सिहं, नरेन्द्र सिहं, अव्वल लाल, शिवराम, प्रमोद सिह, भूपेंद्र राणा कु. लक्ष्मी इत्यादि सभी लोगो ने एक सुर में इन जलविद्युत परियोजनाओं का विरोध किया है।