उत्तर नारी डेस्क
देशभर में आज से वाहनों पर फास्टैग की शुरुआत हो चुकी है अब उत्तराखण्ड में भी यह व्यवस्था 16 फरवरी से यानी आज से टोल ब्रिजों पर भी लागू होने जा रही है।
आपको बता दें, की अगर आप किसी टोल ब्रिज पर से गुजर रहे है और आपने अपने वाहन पर फास्टैग नहीं लगाया होगा तो आपको इसका दोगुना शुल्क देना होगा। परिवहन मंत्रालय के तिथि बढ़ाने से इनकार करने के बाद यह व्यवस्था 16 फरवरी से उत्तराखण्ड के टोल ब्रिजों पर लागू हो चुकी है। मंत्रालय ने इस बाबत मुख्य सचिव को पत्र भेजा है। हालांकि अभी दोपहिया वाहनों को इससे छूट दी गई है।
चलिए आपको बताते है की फास्टैग क्या है और इस की शुरुआत कब से हुई है।
बता दें कि फास्टैग की शुरुआत 2016 में हुई थी। फास्टैग एक प्रीपेड टैग है जो टोल शुल्क में स्वत: कटौती को सक्षम बनाता है और वाहन को बिना लेन-देन के लिए रूके टोल प्लाजा से गुजरने की अनुमति देता है। साथ ही यह टोल प्लाजा पर शुल्क का भुगतान इलेक्ट्रॉनिक तरीके से करने की एक आसान और बेहतर सुविधा है। जो की एक प्रकार का टैग या स्टिकर होता है, जो वाहन की विंडस्क्रीन पर लगा होता है। साथ ही रेडियो फ्रिक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन(आरएफआईडी) तकनीक पर यह फास्टैग काम करता है। रीडर वाहन के 25 मीटर दूर होने पर टोल प्लाजा पर कार्ड का पता लगाता है।यानी की अगर आपके वाहन पर फास्टैग लगा है तो टोल प्लाजा पर वाहनों को रुकना नहीं पड़ेगा और टोल शुल्क का भुगतान इलेक्ट्रॉनिक तरीके से हो जाएगा। इसके जरिए टोल प्लाजा पर लगे कैमरे स्टिकर के बार-कोड को स्कैन कर लेते हैं और टोल फीस अपने आप फास्टैग के वॉलेट से कट जाती है।
कैसे ख़रीदे फास्टैग और क्या दस्तावेज है जरूरी
फास्टैग को ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों से खरीदा जा सकता है। फास्टैग किसी भी बैंक, अमेजन, फ्लिपकार्ट और पेटीएम जैसे ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म से ऑनलाइन खरीदा जा सकता है। इसके अलावा 23 ऑथराइज्ड बैंक, रोड ट्रांसपोर्ट ऑफिस के पॉइंट ऑफ सेल से भी फास्टैग ले सकते हैं। पूरे देश में 30 हजार पॉइंट ऑफ सेल पर फास्टैग उपलब्ध हैं।
फास्टैग ख़रीदने के लिए आपको अपने वाहन की आरसी व ड्राइविंग लाइसेंस अथवा आधार कार्ड दिखान होगा जिसके जरिए आप चाहें तो हाथों हाथ फास्टैग खरीद सकते हैं। आपको लाइसेंस और वाहन के रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट की कॉपी जमा करनी पड़ती है। बैंक केवाईसी के लिए यूजर्स के पैन कार्ड और आधार कार्ड की कॉपी भी मांगते हैं। जिस बैंक का फास्टैग है, उसकी वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन रिचार्ज किया जा सकता है। इसके अलावा ई-वॉलेट, डेबिट, क्रेडिट कार्ड, एनईएफटी या नेट बैंकिंग के जरिये भी रिचार्ज किया जा सकता है।
उत्तराखण्ड परिवहन आयुक्त दीपेंद्र कुमार चौधरी ने बताया की उत्तराखण्ड में एक दिसंबर 2017 से सभी नए वाहनों पर फास्टैग लग रहे हैं। अभी मंत्रालय ने दोपहिया और तिपहिया वाहनों को छोड़कर 15 फरवरी की रात 12 बजे से इसे बाकी सभी वाहनों पर अनिवार्य कर दिया है। जिन्होंने अभी तक फास्टैग नहीं लगाया है, वह तुरंत लगवा लें। नहीं तो उत्तराखंड के टोल बैरियर पर भी दोगुना शुल्क देना होगा।
बता दें कि सड़क यातायात और राजमार्ग मंत्रालय ने ये फैसला किया है 15-16 फरवरी का आधी रात से सभी नेशनल हाईवे फास्टैग वाले हो जाएंगे। यानी कैश में टोल फीस वसूलना बंद कर दिया जाएगा। नेशनल हाईवे फी रूल्स 2008 के मुताबिक जिस गाड़ी पर फास्टैग नहीं होगा या वैलिड फास्टैग नहीं होगा उसे टोल फीस की दोगुना फीस का भरनी होगी।