उत्तर नारी डेस्क
वहीं संस्था के अधिवक्ता रोहित डंडरियाल ने बताया कि वॉल ऑफ काइंडनेस संस्था के संस्थापक मनोज नेगी की ओर से इस संबंध में एनजीटी में दायर याचिका पर जिलाधिकारी की ओर से रिपोर्ट दाखिल कर दी गई है, जिस पर 24 मार्च को सुनवाई होनी है। बताया कि रिपोर्ट का अध्ययन करने के बाद राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) बड़ा फैसला सुना सकता है।
आपको बता दें कि एनजीटी को दी गई रिपोर्ट में जिलाधिकारी ने कूड़ा निस्तारण के लिए किए गए तमाम उपायों का जिक्र किया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि कोटद्वार क्षेत्र में कूड़ा निस्तारण के लिए 0.998 हेक्टेयर वन भूमि का चयन किया गया है, जिसमें भूमि हस्तांतरण होना शेष है। झंडीचौड़ व गंदरियाखाल में चार स्थानों में कूड़ा निस्तारण के लिए भूमि चयनित की गई है। यहां जल्द ही वैज्ञानिक तरीके से कूड़ा निस्तारण कार्य शुरू किया जाएगा। नगर निगम ने खोह नदी के तट पर डाले जा रहे कूड़े के निस्तारण को बायोरेमिडशन मशीन और ट्रोमिल मशीन लगाई गई हैं। कूड़े में लगी आग को तत्काल बुझाने के लिए पांच-पांच हजार लीटर के दो टैंक बनाए गए हैं, जिन पर प्रेशर पाइप लगाए गए हैं।