उत्तर नारी डेस्क
प्राप्त जानकारी अनुसार देहरादून के चकराता रोड, सुद्धोवाला और प्रेम नगर इलाकों में ये सभी बैनर लगाए जा चुके हैं। बताते चलें कि हाल हीं में गाजियाबाद जिले के डासना मंदिर में प्रवेश को लेकर नाबालिग मुस्लिम बच्चे कों प्रताड़ित किया गया था। जब मंदिर के एक कर्मचारी ने उसे पकड़ लिया तो उसने बताया कि वो यहां पानी पीने आया है ये घटना उस मामले के बाद से सामने आयी है। जबकि नरसिंहानंद सरस्वती का कहना है कि कोई भी शख्स अगर मंदिर में आकर प्रार्थना करना चाहता है तो उनका स्वागात है।लेकिन अगर किसी व्यक्ति को इसमें विश्वास नहीं है तो वह मंदिर से दूर रहे क्योंकि यह सार्वजनिक स्थल या पार्क नहीं है। यह हिंदुओं के लिए धार्मिक स्थान है ऒर वह लड़का यहां शैतानी के इरादे से आया था।
हालांकि मंदिर के बाहर लगे बोर्ड के ऊपर लिखा है कि मंदिर के अंदर मुसलामानों का प्रवेश वर्जित है। इस बारे में पूछे जाने पर पुजारी ने कहा कि डासना मंदिर के द्वार पर ‘मुस्लिमों का मंदिर के अंदर प्रवेश वर्जित है’ लिखकर मंदिर बोर्ड के मुख्य पुजारी महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती ने लगवाया है। तो वहीं, इस मामले को लेकर हिंदू युवा वाहिनी के प्रदेश अध्यक्ष का कहना है कि अगर कोई गैर-हिंदू मंदिर परिसर में प्रवेश करेगा तो उसकी पिटाई की जाएगी। पिटाई के बाद उसको पुलिस के हवाले कर दिया जाएगा। जब घटना को अंजाम देने वाले ही पिटाई कर पुलिस के हवाले करने की बात कर रहे हैं तो मामले की गंभीरता को समझा जा सकता है। वहीं, जब बैनरों के बारे में हिंदू युवा वाहिनी के प्रदेश महासचिव जीतू रंधावा से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि यह कदम यति नरसिंहानंद सरस्वती का समर्थन करने के लिए उठाया गया है।
बताते चलें कि नरसिंहानंद सरस्वती का कहना है कि बाहर से कोई भी शख्स सिर्फ पानी पीने के लिए मंदिर के अंदर नहीं घुसेगा। जबकि बाहर में ही नल लगा हुआ है इसके अलावा पानी के लिए सरकारी हैंडपंप भी वहां पर मौजूद है। साथ हीं मंदिर के अंदर कई बार चोरी, लूट और छेड़छाड़ की घटनाएं भी घट चुकी है। इसी वजह से हमने मंदिर के बाहर गैर हिंदुओं की एंट्री बैन वाली बोर्ड लगाई है. वजह से हमने मंदिर के बाहर गैर हिंदुओं की एंट्री बैन वाली बोर्ड लगाई है।