उत्तर नारी डेस्क
पूर्णागिरि जनशताब्दी एक्सप्रेस टनकपुर से उल्टी दिशा में 24 किलोमीटर तक दौड़ी इस घटना से तो सब वाकिफ है, परन्तु इसका सही कारण क्या है? इसका पता तो फ़िलहाल जांच कमेटी की रिपोर्ट से ही पता चलेगा।
हालंकि प्रारंभिक जांच में लोको पायलट, सहायक पायलट और गार्ड को दोषी मानते हुए उन्हें निलंबित कर दिया गया है। साथ हीं तीनों अधिकारीयों के शराब के नशे में होने का अंदेशा भी लगाया जा रहा है, जिसके लिए ब्लड सैंपल जांच के लिए भी भेज दिए गए हैं। घटना के सही कारणों का पता लगाने के लिए रेलवे अधिकारीयों ने जेए ग्रेड के तीन अधिकारियों की कमेटी गठित की है। वहीं, रेल सूत्रों के मुताबिक टनकपुर स्टेशन के होम सिगनल तक एक हजार फिट में एक फिट का ढलान है। जबकि होम सिगनल के बाहर इससे ज्यादा ढलान है। इस ढलान का जिक्र रेलवे के दस्तावेजों में नहीं है। इसी वजह से टनकपुर स्टेशन पर ट्रेन खड़ी होने पर जंजीर से बंधाने के संसाधन नहीं हैं। जबकि नियमानुसार ढलान वाले स्टेशनों पर ट्रेन को जंजीर से बंधाने की सुविधा होनी चाहिए।
बताते चलें कि बीते बुधवार को दिल्ली से टनकपुर आ रही पूर्णागिरि जन शताब्दी एक्सप्रेस कि ट्रैक पर एक गाय से टकराने से प्रेशर पाइप फट गया और ट्रेन करीब 20 किमी विपरीत दिशा में दौड़ते हुए खटीमा से पहले नदन्ना पुल के पास रूकी। इस दौरान ट्रेन में सवार करीब 60 यात्रियों की जान खतरे में पड़ गई। आस पास चीख पुकार म च गई। लोगों ने जमकर वीडियो बनाई और वायरल की। लेकिन गनीमत रही कि कोई जानमाल का नुकसान नहीं हुआ और एक बड़ा हादसा होने से टल गया। यात्रियों का कहना है कि चैन खींचकर ट्रेन रोकने की कोशिश भी की लेकिन रुकी नहीं।