उत्तर नारी डेस्क
फटी जींस वाले बयान पर उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने माफी मांगी है। माफ़ी मांगते हुए उन्होंने कहा कि उनका ये बयान संस्कारों के परिपेक्ष्य में था, उनका उद्देश्य किसी का दिल दुखाना या भावनाओं को ठेस पहुंचाना नहीं था। साथ ही कहा की मातृशक्ति का सम्मान मेरे लिए सदैव सर्वोपरि रहा है।
सीएम ने कहा कि वह एक सामान्य ग्रामीण परिवार से राजनीति में आये है। उस वक़्त स्कूल के दिनों में जब हमारी पैंट फट जाया करती थी तो अनुशासन और गुरु जी के डर से हम उस पर टैग लगा दिया करते थे लेकिन मौजूदा वक्त में बच्चा बच्चा 4000 या 2000 की जींस लेता है, वो पहले देखता है कि जींस फटी है कि नहीं। अगर फटी नहीं है तो वह घर जाकर उस पर कैंची चला देता है और बयान भी इसी के संदर्भ में था। उन्होंने आगे कहा कि मेरी भी बेटी है और ये बात उसपर भी लागू होती है।
बताते चलें कि सीएम की पत्नी डॉ. राश्मि त्यागी रावत भी उनके बचाव में आ गई हैं। उनका कहना है की अगर हम भारत में रहकर भी अपनी वेशभूषा और आचार विचार की बात नहीं करेंगे तो क्या विदेश में करेंगे। साथ ही कहा की सीएम हमेशा अपने घर और समाज में महिलाओं को इतनी इज्ज्त देते हैं, जो लोग ऐसा कह रहे हैं उनकी क्षुद्र मानसिकता है। जींस इतना बड़ा मु़द्दा हो गया क्या? हमारे उत्तराखंड में कई तरह की समस्याएं हैं जिनपर हमें विचार करना चाहिए। अगर हम इस तरह के विवादों में पड़ेंगे तो प्रदेश का विकास कैसे होगा। जनता जानती है कि ये क्षुद्र मानसिकता और राजनैतिक लोगों का षड्यंत्र है। इससे सीएम की कार्यशैली पर कोई असर नहीं पड़ेगा। वे निरंतर प्रदेश के विकास के लिए काम करते रहेंगे। '
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत महिलाओं के पहनावे पर टिप्पणी के मामले में घिरते जा रहे हैं। वहीं, उत्तराखण्ड में नेतृत्व परिवर्तन के बाद से मुद्दा तलाश रही कांग्रेस इसे हाथ से नहीं जाने देना चाहती। हालांकि अब उन्होंने मामले पर माफी मांग ली है। इस मामले में उनका दूसरा वीडियो गुरुवार को वायरल हो गया। वीडियो में वह श्रीनगर के कालेज का किस्सा सुनाते हुए लड़कियों के शॉर्टस पर टिप्पणी करते सुनायी दे रहे हैं।