उत्तर नारी डेस्क
इस महाशिवरात्रि पर करे अपनी राशि अनुसार शिवजी का पूजन ...
भगवान शिव देवों के देव महादेव कहे जाते हैं। महाशिवरात्रि का पर्व गुरुवार के दिन होने के कारण यह अपने आप में स्वतः ही खास हो जाता हैं, इस दिन सभी 12 राशि के जातक अपनी राशि के अनुसार विधि-विधान के साथ पूजा कैसे करें यह हम आपको बतायंगे।
अगर महाशिवरात्रि के दिन कोई जातक अपनी राशिनुसार उनकी आराधना करता है तो उनकी कुंडली में मौजूद ग्रहों के नकारात्मक प्रभाव खत्म हो जाते है ।
अपनी राशिनुसार ऐसे करे शिवजी का पूजन ...
1- मेष राशि- मेष राशि महाशिवरात्रि के दिन लाल चंदन व लाल रंग के पुष्प भगवान भोलेनाथ को अर्पित करने के साथ ऊँ नागेश्वराय नम: मंत्र का जप 51 या 108 बार जरूर करें
आपके मन की मुराद जल्द पूरी होगी ।
2- वृषभ राशि- वृषभ राशि के जातक भगवान शिव की पूजा चमेली के फूलों से करने के साथ शिवजी के रुद्राष्टक का पाठ भी करें ।
3- मिथुन राशि- मिथुन राशि के जातक भगवान शिव को धतूरा, भांग अर्पित करने के बाद 108 बार शिव पंचाक्षरी मंत्र- ॐ नम: शिवाय का जप करें ।
4- कर्क राशि- कर्क राशि के जातक शिवलिंग का अभिषेक भांग मिश्रित गाय के दूध से करे एवं रूद्रष्टाध्यायी का पाठ करें ।
5- सिंह राशि- सिंह राशि के जातक भगवान शिव की पूजा कनेर के लाल रंग के पुष्प से करें, एवं शिवालय में बैठकर श्री शिव चालीसा का पाठ करें
6- कन्या राशि- कन्या राशि के जातक भगवान शिवजी की पूजा बेलपत्र, धतूरा, भांग आदि सामग्री शिवलिंग पर अर्पित करने के बाद शिव पंचाक्षरी मंत्र ऊँ नमः शिवाय का जप करें ।
7- तुला राशि- तुला राशि के जातक मिश्री युक्त दूध से शिवलिंग का अभिषेक करने के बाद शिव के सहस्रनामों का जप पाठ करें ।
8- वृश्चिक राशि- वृश्चिक राशि के जातक शिवजी का पूजन गुलाब के फूलों एवं बिल्वपत्र की जड़ से करने के बाद, रूद्राष्टकम स्तुति का पाठ करें ।
9- धनु राशि- धनु राशि के जातक महाशिवरात्रि के दिन प्रात:काल में भगवान शिव की पूजा पीले रंग के फूलों से करे एवं प्रसाद के रूप में खीर का भोग लगाकर श्री शिवाष्टक का पाठ करें ।
10- मकर राशि- मकर राशि के जातक धतूरा, भांग, अष्टगंध आदि से भगवान शिव की पूजन करने के बाद 108 बार इस मंत्र का जप करें । मंत्र- ऊँ पार्वतीनाथाय नम: ।।
11- कुंभ राशि- कुंभ राशि के जातक शिवलिंग का गन्ने के रस से अभिषेक करें एवं शिवाष्टक का पाठ भी करें ।
12- मीन राशि- मीन राशि के जातकों को पंचामृत, दही, दूध एवं पीले रंग के फूल शिवलिंग पर अर्पित करने चाहिये एवं पूजन के बाद शिव पंचाक्षरी मंत्र नम: शिवाय का जप चंदन की माला से 108 बार करें ।
" महाशिवरात्रि पर रुद्राभिषेक करने के चमत्कारी फायदे "
रुद्राभिषेक का अर्थ है भगवान रुद्र का अभिषेक अर्थात शिवलिंग पर रुद्र के मंत्रों के द्वारा अभिषेक करना । अभिषेक शब्द का शाब्दिक अर्थ है – स्नान करना अथवा कराना ।
मान्यता है कि रुद्राभिषेक करने से भगवान शिव हर मनोकमना पूरी करते हैं | इससे प्रतिकूल ग्रह स्थिति अथवा अशुभ ग्रह जनित दोष और रोगों से भी मुक्ति मिलती है ।
विशेष बात
यजुर्वेद में बताये गये विधि से रुद्राभिषेक करना अत्यंत लाभप्रद माना गया हैं । लेकिन जो व्यक्ति इस पूर्ण विधि - विधान से पूजन को करने में असमर्थ हैं अथवा इस विधान से परिचित नहीं हैं वे लोग केवल भगवान सदाशिव के षडाक्षरी मंत्र
-- ॐ नम:शिवाय का जप करते हुए रुद्राभिषेक तथा शिव-पूजन कर सकते हैं !
धार्मिक मान्यता अनुसार शिवरात्रि के दिन यदि रुद्राभिषेक किया जाये तो इसकी महत्ता और भी बढ़ जाती है ।
शिव चन्द्रमा को अपने सिर पर धारण करते हैं और चंद्रमा ज्योतिष में मन का कारक है किसी भी प्रकार की मानसिक समस्या को दूर करने में रुद्राभिषेक सहायक होता है गंभीर किस्म की बीमारियां दूर करने एवं उनके न होने हेतु रुद्राभिषेक करवाना लाभप्रद होता है ।