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उत्तराखण्ड : बिजली बिल का झटका झेलने के लिए हो जाए तैयार, जानें कितना प्रतिशत बढ़ सकता है दाम

उत्तर नारी डेस्क

उत्तराखण्ड की जनता को साल 2021-22 में बिजली के बिल का झटका लग सकता है।

जी हाँ, उत्तराखण्ड पावर कारपोरेशन, यूजेवीएनेल (जल विद्युत निगम) और पिट्कुल (पावर ट्रांसमिशन कारपोरेशन लिमिटेड) ने राज्य के नियामक आयोग में खर्चों का टैरिफ पिटिशन दाखिल कर दी है। जिसके मुताबिक नई दर निर्धारण जल्द ही किया जाएगा। 

बताते चलें, कि आम तौर पर मार्च महीने में उत्तराखण्ड नियामक आयोग बिजली की दरों का टैरिफ जारी कर देता था परन्तु पिछले साल कोरोना महामारी के चलते इस बार की बिजली की दरें अप्रेल माह में घोषित होंगी, जो 1 अप्रेल से लागू की जाएंगी। जिस पर जल्द ही नियामक आयोग सुनवाई कर 2021-22 के लिए बिजली की दरें निर्धारित कर सकता है। 

बिजली के दामों की घोषणा करने से पहले नियामक आयोग तीनों निगमों द्वारा दी गई पिटिशन पर जनता से राय लेगा, जिसके लिये इस साल दो जिलों में जनसुनवाई की जाएगी।  जिसमे 6 अप्रेल को नैनीताल में होनी है और दूसरी जनसुनवाई देहरादून के उत्तराखंड नियामक आयोग के दफ्तर में होगी।

इन जनसुनवाई के बाद ही टैरिफ को अंतिम रूप दिया जाएगा। राज्य के तीनों निगमों ने आयोग को करीब 16 फीसदी बिजली बढ़ोतरी का प्रस्ताव दिया है। हालांकि राज्य में होने वाली दोनों जनसुनवाई के बाद, इसकी समीक्षा की जाएगी। जिसके आधार पर नयीं बिजली का दर निर्धारण किया जायेगा। 

इस संबंध में नियामक आयोग के टेक्निकल मेम्बर एमके जैन का कहना है कि बीते सालों में राज्य में 4 जन सुनवाई की जाती थी, जिनमें 2 कुमायूं मंडल और 2 सुनवाई गढ़वाल मंडल में होती थी। लेकिन इस बार दो ही जन सुनवाई की जाएगी, जिसमे नैनीताल और देहरादून को चुना गया है। 

बता दें, कि इस समय यूपीसीएल ने आयोग से 13.25 % की बढ़ोतरी की मांग की है. युजेवीएनेल ने 1.96% और पिटकुल ने आयोग से 0.82 की बढ़ोतरी की मांग की है। जिस हिसाब से टोटल 16.20% बढोरी का प्रस्ताव तीनों निगमों से राज्य के नियामक आयोग के पास पहुंचा है। 


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