उत्तर नारी डेस्क
उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के नेतृत्व में पूरा मंत्रिमंडल अस्तित्व में आ गया है। जिसमें 11 विधायकों को मंत्री पद की शपथ दिलाई गयी। तो वहीं, इनमें आठ कैबिनेट व तीन राज्य मंत्री शामिल हैं। जिनमें बंशीधर भगत, यशपाल आर्य, सतपाल महाराज, अरविंद पांडेय, हरक सिंह रावत, सुबोध उनियाल, बिशन सिंह चुफाल और गणेश जोशी को बतौर कैबिनेट मंत्री शामिल किया गया है। जबकि रेखा आर्य, धनसिंह रावत और स्वामी यतीश्वरा नंद को राज्यमंत्री के तौर पर जगह दी गई।
बता दें, कि शुक्रवार शाम को मंत्रीमंडल गठन के तत्काल बाद बीजापुर गेस्ट हाउस में मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत की अध्यक्षता में मंत्री परिषद की पहली बैठक संपन्न हुई। जिसमें जनहित में तमाम बड़े फैसले लिए गए। पहली कैबिनेट की बैठक में महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए कोरोना महामारी के दौरान आपदा एक्ट के तहत दर्ज हुए सभी मुकदमों को वापस लिए जाने का निर्णय लिया। इसके साथ ही दूसरा बड़ा निर्णय 2016 के बाद बनाए गए विकास प्राधिकरणों के परीक्षण किए जाने को लेकर निर्णय लिया गया। साथ ही कैबिनेट में यह निर्णय भी लिया गया कि कैबिनेट मंत्री बंशीधर भगत की अध्यक्षता में कमेटी बनाई जाएगी और कैबिनेट मंत्री अरविंद पांडे और सुबोध उनियाल इसके सदस्य होंगे।
मीडिया से बातचीत में मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने इन फैसलों की जानकारी देते हुए बताया कि विकास प्राधिकरणों पर 2016 की स्थिति बहाल कर दी गई है। इसके साथ ही नए गठित विकास प्राधिकरणों में नक्शा पास करने पर रोक लगा दी गई है। 2016 से पहले के गठित विकास प्राधिकरण पहले की तरह काम करते रहेंगे।