उत्तर नारी डेस्क
उत्तराखण्ड राज्य के हरिद्वार जिले में 11 साल बाद आयोजित हुआ कुम्भ मेला कोरोना के साए में जारी है। जी हाँ, प्रशासन की लाख कोशिशों के बावजूद भी यहां कोरोना का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। कई साधु-संत कोरोना संक्रमण की चपेट में आए हैं तो वहीं महामंडलेश्वर की कोरोना से मौत हो गई। ऐसे में निरंजनी अखाड़ ने कुंभ के समापन की घोषणा कर दी है।
निरंजनी अखाड़े के सचिव रवींद्र पुरी ने कहा कि 'कोरोना के बढ़ते प्रकोप को दृष्टिगत रखते हुए कुंभ मेला हमारे लिए खत्म हुआ। मुख्य शाही स्नान संपन्न हो गया है और अखाड़ों में कई लोगों में कोरोना के लक्षण दिखे हैं।' जिसके बाद निरंजनी अखाड़ा ने 17 अप्रैल को कुंभ समाप्ति का ऐलान कर दिया। वहीं, निरंजनी के अलावा आनंद अखाड़े के महामंडलेश्वर स्वामी बालकानंद गिरी ने भी अपने अखाड़े की ओर से कुंभ समाप्ति की घोषणा कर दी है। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने भी अखाड़ों की घोषणा का स्वागत किया है। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि यह परिषद का निर्णय नहीं है। परिषद कुंभ में हिस्सा लेने वाले सभी लोगों से नियमों का पालन करने की अपील करती है।
बता दें, कि हरिद्वार कुंभ में मुख्य शाही स्नान संपन्न हो गया है। कुंभ में कोरोना के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। वहीं, अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी समेत करीब 12 संत संक्रमित आ चुके हैं। कई श्रद्धालु भी संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं और एक महामंडलेश्वर की कोरोना से मौत भी हो चुकी है। वहीं, अन्य अखाड़ों के संत भी संक्रमण की जद में हैं। ऐसे में पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी ने 17 अप्रैल को कुंभ मेला समापन की घोषणा कर दी है। वहीं, निरंजनी अखाड़ा के कुंभ समाप्ति के ऐलान के बाद उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कोरोना के मसले पर शुक्रवार को हाईलेवल मीटिंग बुलाई है। माना जा रहा है कि इस मीटिंग में कुंभ मेला को लेकर कोई बड़ा फैसला लिया जा सकता है।

