उत्तर नारी डेस्क
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत एक बार फिर सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बन गए है। इस बार हरीश रावत ने अपने विरोधियों को निशाने पर लिया है।
जी हाँ हरीश रावत कहते है कि मेरे कुछ मित्रों ने मुझे पंचिंगबॉक्स बना रखा है, कोई भी बात पसंद नहीं आती है तो वो फौरन मुझ पर पंच आजमाने लगते हैं, और अपने समर्थकों को कहा कि वे अपने आप पर नियंत्रण रखें। उन पर पंचिंग होते देखकर विचलित न हों। सार्वजनिक तौर पर उन्हें लेकर कही गई बात पर वक्तव्य न जारी करें।
हरीश रावत लिखते है की राजनीति में यदि हम अमृतपान के लिये उत्सुक रहते हैं, तो विषपान भी हमें ही करना चाहिये, कार्यकर्ता साथी अपने धैर्य से हम सबका मार्गदर्शन कर रहे हैं, लोगों ने मेरी बहुत प्रशंसा की है। यदि कुछ लोगों को हममें कुछ अवगुण दिखाई दे रहे हैं या कुछ ऐसा नजर आ रहा है जिसकी सार्वजनिक आलोचना करना आवश्यक है, तो ऐसा करने वाले लोग अपने परिवार के भी हो सकते हैं और बाहर के भी हो सकते हैं। आलोचना, अधिकार है और मैं इस अधिकार का सम्मान करता हूंँ। पिछले कुछ समय से मैं बड़ा आनंद ले रहा हूँ, मेरे कुछ मित्रों ने मुझे पंचिंगबॉक्स बना रखा है, कोई भी बात पसंद नहीं आती है तो वो फौरन मुझ पर पंच आजमाने लगते हैं, उनकी खुशी में मेरी भी खुशी है। इस समय अचानक फिर मुझे पंचिंग बॉक्स बनाया जा रहा है, कुछ लोगों को पंच मारने में आनंद आ रहा है तो कुछ लोग पंचिंग होते देखकर आनंदित हो रहे हैं, कुछ को कष्ट भी हो रहा है। मैं, कांग्रेस के लोगों से प्रार्थना करना चाहता हूंँ कि जिन्हें कष्ट हो रहा है उनको पार्टी के लिए इस कष्ट को सहर्ष उठाना चाहिये और इस मामले को सार्वजनिक विवाद का विषय नहीं बनाना चाहिए। सल्टउपचुनाव में पार्टी जीते यह सबका प्रयास रहा है। विपरीत परिणामों की स्थिति में भी धैर्य और संयम रखने में हमारा भला है। यूँ भी कांग्रेस इस समय बिल्कुल विपरीत परिस्थितियों में काम कर रही है, यदि हम अपने-अपने स्तर पर संयम बनाए रखेंगे तो उससे पार्टी को कुछ न कुछ लाभ होगा। निकट भविष्य में, राज्य में आम चुनाव होंगे उससे पहले हो सकता है एकाद उपचुनाव और हों, तो इन सारे हालात में मुझ पर पंचिंग होते देखकर विचलित हो रहे लोगों से मैं प्रार्थना करना चाहता हूंँ कि कोई और रोकने के लिए आगे आ रहा है या नहीं आ रहा है, आप अपने आप पर नियंत्रण रखें और कोई भी, किसी भी तौर पर सार्वजनिक रूप से मुझको लेकर कही गई बात पर व्यक्तव्य जारी न करें और यह स्थिति 2022 के चुनाव तक बनी रहनी चाहिये, कोशिश करके देखिये।