उत्तर नारी डेस्क
5 अप्रैल को नारी शक्ति को प्रदर्शित करते हुए महिला कलाकारों द्वारा प्रगति वेडिंग पॉइंट पदमपुर में रामलीला का मंचन किया गया। महिला रामलीला का उद्घाटन कोटद्वार की पूर्व पालिकाध्यक्ष शशि नैनवाल के कर कमलों के द्वारा किया गया। रामलीला के पांचवे दिन दशरथ मरण भरत मिलाप का मार्मिक मंचन महिला कलाकारों द्वारा किया गया। सभी महिला पात्रों का अभिनय सरोज रावत के निर्देशन में अति उत्तम व प्रशंसनीय रहा। पात्रों ने दर्शकों से अपने अभिनय के लिए ख़ूब तालियां बटोरीं और साथ ही महिलाओं की ओर से किये गए अभिनय को हर किसी ने सराहा।
महिलाओं को प्रमोट करने का प्रयास
रामलीला का निर्देशन अध्यक्ष महिला रामलीला कमेटी सरोज रावत का कहना है कि वह महिलाओं को प्रमोट करने का प्रयास कर रही है। रामलीला देश-दुनिया और बदलते समाज के लिए यह एक सन्देश भी है कि महिलाएं आगे बढ़ रही हैं। विज्ञान से लेकर रंगमंच तक दुनिया की हर विदा में महिलाएं तेजी से अपना वर्चस्व स्थापित कर रही हैं। ताकि महिलाओं को भी हर मंच में स्थान दिया जाए। जबकि वह स्वयं भी अभिनय कर केकई की भूमिका निभा रही हैं।
आपको बता दें, कि सरोज रावत लोकगायिका के साथ ही समाजसेविका भी है और सांस्कृतिक कार्यक्रम में भी इनका बढ़ चढ़ कर सहयोग रहा है। लोकगायिका सरोज रावत ने 32 वर्षों तक बाल विद्या निकेतन में अध्यापिका के तौर पर नौकरी की है। उसके बाद उन्होंने समाजसेवा शुरू कर अपनी संस्कृति के साथ ही महिलाओं का भी मनोबल बढ़ा रही है। बताते चलें कि शुभकार्यों हो या चूड़ाक्रम संस्कार या फिर शादी में मांगल गीतों के गीत गाने के कार्यक्रमों की शुरुआत भी इन्हीं के द्वारा शुरू की गयी। सरोज रावत कहती है कि लॉकडाउन के समय उन्होंने रामायण के पात्र लिखे थे और अब लॉकडाउन के ख़त्म होने के बाद 1 अप्रैल से 11 दिन की राम लीला मंचन कार्यक्रम आयोजित किया। उन्होंने बताया कि राम लीला कार्यक्रम का 11 अप्रैल को हवन के साथ समापन किया जायेगा। इस रामलीला का मुख्य आकर्षण का केंद्र महिला पात्रों द्वारा अभिनय किया जाना है। रामलीला मंचन में 14 साल से लेकर 75 साल तक की महिलाओं और बालिकाओं ने अभिनय किया है।