उत्तर नारी डेस्क
कुम्भ मेला भव्यता के साथ अब अपने समापन की सीढ़ियां चढ़ रहा है। जहां सभी के सहयोग से कुंभ को सुंदर, स्वच्छ और सुरक्षित बनाया गया है। कुंभ क्षेत्र में प्रवेश के दौरान कोविड गाइडलाइन का भी नियमित रूप से पालन करवाया गया। साथ ही लोगों की दो गज की दूरी का भी ख़ास ध्यान रखते हुए कुम्भ की सफलता दिव्या और भव्य बनाई गयी। अब प्रमुख स्नान पर्व बैसाखी के सकुशल संपन्न होने के पश्चात अधिकांश सुरक्षाकर्मियों को वापस भेजा जा रहा है। इसी कड़ी में अब हरिद्वार कुंभ के आई जी संजय गुंज्याल ने एक मिसाल पेश की है। वह उत्तराखण्ड की सांस्कृति पहचान ऐपण को भी नई पहचान दिलाने का काम कर रहे हैं।
बता दें, कुंभ से वापस लौटने वाले पुलिस जवानों को अथवा अन्य कर्मियों के हरिद्वार कुंभ सदा सभी की स्मृतियों में रहे इसके लिए कुंभ वीरों को आई जी संजय गुंज्याल द्वारा तांबे से बने कलश भेंट किए जा रहे हैं। इन कलश को विशेष रूप से अल्मोड़ा शहर के कारीगरों द्वारा तैयार किया गया है। कलश पर उत्तराखण्ड की कला भी ऐपण के रूप में देखने को मिल रही है।

