उत्तर नारी डेस्क
उत्तराखण्ड में जंगलों की आग काबू में आने का नाम नहीं ले रही। जंगल में आग लगने की घटनाएं लागतार बढ़ती ही जा रही हैं। बढ़ती घटनाओं के साथ वन संपदा को हो रहे नुकसान का आंकड़ा भी बढ़ता जा रहा है। यही नहीं, कई रिहायशी इलाके, मवेशी और लोग भी इसकी चपेट में आ रहे हैं। लोगों के घरों को भी खतरा हो गया है। फसलें जल रही हैं। जी हाँ, बता दें कि गैरसैंण के सौनियाणा गांव के पीछे जंगल में लगी आग बुझाने गए गैरसैंण गडोली गांव के बुजुर्ग की आग में जलकर मौत हो गई।
मिली जानकारी के मुताबिक, मंगलवार को सौनियाणा गांव के पीछे के जंगल में आग लगी थी। पूर्वाह्न 11 बजे गडोली गांव निवासी रघुवीर लाल (65) पुत्र हिवांराम वहीं आसपास हल चला रहा था। आग लगती देख रघुवीर लाल आग बुझाने जंगल में चला गया लेकिन आग अचानक भड़क उठी और वह आग की लपटों में घिर गया जिससे उनकी जलकर मौत हो गई।
खबर मिलते ही ग्रामीण व पुलिस टीम मौके पर पहुंची, लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी। मामले में लोहबा रेंज के वन क्षेत्राधिकारी प्रदीप गौड़ ने बताया घटना निजी नाप भूमि में हुई है, जहां ग्रामीणों ने कंटीले तारों की बाड़ लगाई थी। संभवत: रघुराम इन तारों में उलझ गए और आग की लपटों में घिर गए। उन्होंने कहा ऐसे में मामलों में आर्थिक मदद का प्राविधान नही है। वनभूमि में अनुग्रह राशि दी जा सकती है, लेकिन मामला निजी भूमि का है। उन्होंने बताया कि पुलिस ने शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए कर्णप्रयाग भेज दिया है। आगजनी की घटना के बाद गडोली गांव में मातम पसरा है।

