उत्तर नारी डेस्क
योग गुरु बाबा रामदेव द्वारा दिए गए एलोपैथिक डॉक्टरों को लेकर विवादित बयान सोशल मीडिया में लगातार वायरल हो रहा है। जिसको लेकर घमासान अभी भी जारी है। आपको बता दें आईएमए ने इस संदर्भ में मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत और मुख्य सचिव ओम प्रकाश को पत्र भेजा है। साथ ही कई डॉक्टरों ने इसका विरोध करते हुए बाबा रामदेव को कड़ी फटकार भी लगाई है। इसके साथ ही आईएमए ने बाबा रामदेव को नोटिस भेजकर 14 दिन में जवाब भी मांगा है। चेताया कि अगर तय समय सीमा में जवाब नहीं दिया गया तो उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी।
आईएमए की राज्य शाखा के सचिव डॉ. अजय खन्ना ने बताया कि अभी नोटिस तैयार किया जा रहा है और मंगलवार को नोटिस बाबा रामदेव को भेजा जाएगा। उन्होंने कहा कि इस मामले में मानहानि के दावे के अलावा एफआईआर भी दर्ज कराई जाएगी। सरकार की ओर से ठोस कार्रवाई न होने पर आईएमए रणनीति बनाएगा।
बाबा रामदेव द्वारा एलोपैथिक डॉक्टरों पर दागे 25 सवाल
एलोपैथिक डॉक्टरों द्वारा केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन से रामदेव के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग के कुछ घंटों बाद ही योग गुरु स्वामी रामदेव ने अपना विवादित बयान वापस तो ले लिया है। हालंकि एलोपैथी चिकित्सा पद्धति पर दिए गए बयान को वापस लेने के बाद बाबा रामदेव सोमवार को एलोपैथिक चिकित्सा पद्धति और फार्मा कंपनियों पर हमलावर हो गए है।
रामदेव ने पतंजलि के लेटरपैड पर लिखी एक चिट्ठी में 25 सवाल एलोपैथिक डॉक्टरों पर दागे है। बाबा रामदेव ने पूछा कि एक आदमी का कम से कम एक किलो वजन कम हो जाए। बिना सर्जरी के बैरियाट्रिक सर्जरी और लाइपोसेक्शन के, बिना किसी छेड़छाड़ के, दवाई खाएं और वजन घट जाएं, क्या फार्मा इंडस्ट्री में ऐसी कोई दवाई है?
सोरायसिस, सोरायटिक अर्थरायटिस और सफेद दाग का कोई निर्दोष स्थायी समाधान बताएं। एलोपैथी के पास पार्किंसन का निर्दोष स्थायी समाधान क्या है? बाबा ने यह भी कहा कि कब्ज, गैस, एसीडिटी का फार्मा इंडस्ट्री के पास स्थायी समाधान क्या है?
रामदेव ने कहा है, ''जैसे आपने टीबी और चेचक आदि का स्थायी समाधान खोजा है, वैसे ही लिवर की बीमारियों का समाधान है ज़रा बताइए."
अनिद्रा, लोगों को नींद नहीं आती है, क्योंकि आपकी दवा 4-6 घंटे ही असर करती हैं, वह भी साइड इफेक्ट के साथ।