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भुवन हत्याकांड : नाबालिक की पहचान उजागर करने वाले पत्रकारों के खिलाफ पोक्सो एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज

उत्तर नारी डेस्क 

अल्मोड़ा में बहुचर्चित भुवन जोशी हत्याकांड मामले में एक के बाद एक कई वीडियो वायरल होते जा रहे है। यह सबको मालूम है कि अल्मोड़ा जिले के आरासलपड़ गांव में किशोरी से मिलने पहुंचे दो युवकों को ग्रामीणों ने बेहरमी से पीटा। जिसके लिए न्याय की मांग भी की गयी। वहीं पिटाई के पहले का भी वीडियो जमकर वायरल हुआ। जहां भुवन कों मिलने आई लड़की की चुन्नी भुवन खींचता है और गले में डाल कर घूमता दिखता है। अब इस मामले में एक और नया मोड़ सामने आया है। जहां कुछ पत्रकारों ने इस पूरे मामले में लड़की के गॉव जाकर उसका भी इंटरव्यू लिया। जो कि सोशल मीडिया में जमकर वायरल हो रहा है। जिसमे नाबालिक लड़की और उनके घर वाले इस बात से मुकरे कि वह लड़के को नहीं जानते और ना ही उनकी लड़की उसको जानती है। 

तो वहीं किसी और चैनल को दिए गए इंटरव्यू में लड़की ने खुद कबूला की वो भुवन से बात करती थी और भुवन उसे फोन करके गाली देता था और परेशान करता था। साथ ही उसको अश्लील फोटो और वीडियो भेजने के लिए मजबूर भी करता था। 

वहीं अब इस मामले में बाल कल्याण समिति ने लड़की की पहचान उजागर करने वाले संबंधित चैनलों और इंटरव्यू लेने वाले पत्रकारों पर पोक्सो एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया है और कार्रवाई करने की मांग की है।

बता दें कि बाल कल्याण समिति ने एसपी अल्मोड़ा को पत्र लिखकर बताया कि कुछ इलेक्ट्रॉनिक मीडिया ने नाबालिग लड़की का इंटरव्यू लेकर उसे प्रचारित कर उसकी पहचान उजागर की है। एसपी अल्मोड़ा पंकज भट्ट ने मामले को गंभीरता से लेते हुए संबंधित चैनलों और लोगों के खिलाफ पोस्को अधिनियम व किशोर न्याय अधिनियम की धारा-74 के अन्तर्गत मामला दर्ज कर कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं‌।

बताते चलें कि सोशल मीडिया तथा अन्य मीडिया प्लेटफार्म पर किसी भी पीडि़त बालक-बालिका अथवा महिला की पहचान उजागर करना पॉक्सो अधिनियम के तहत दंडनीय अपराध है। ऐसे प्रकरणों में दोषी के विरूद्ध भारतीय दण्ड संहिता में सजा एवं जुर्माने का प्रावधान है। जिसके अंतर्गत दोषी के विरूद्ध 6 माह का कारावास या 2 लाख रुपये तक का जुर्माना या दोनों सजा का प्रावधान है।

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