उत्तर नारी डेस्क
उत्तराखण्ड में कोरोना संक्रमण की दूसरी वेव जानलेवा साबित होती जा रही है। कोरोना से संक्रमित मौत के मामलें थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। शासन प्रशासन अपनी ओर से हर संभव प्रयास कर रहे हैं, इतर कोविड से पीड़ित होकर मरने वालों के आंकड़े में उत्तराखण्ड देश के टॉप 10 राज्यों में शामिल हो गया है। जबकि, हिमालयी राज्यों में पहले स्थान पर पहुंच गया है। उत्तराखण्ड में प्रति एक लाख पर 33 मौतें कोविड से हुई हैं। तो वहीं उत्तराखण्ड 36 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में 9वें नंबर पर पहुंच गया है।
आपको बता दें मौत के मामलों में उत्तराखण्ड यूपी और बिहार से भी आगे चल रहा है। अभी तक यूपी में एक लाख पर 8 मौत के साथ 27वें स्थान पर है, जबकि बिहार प्रति लाख पर तीन मौत के साथ 33वें स्थान पर है। मध्य प्रदेश 24वें, राजस्थान 28वें स्थान पर हैं।
मौत के बढ़ते आंकड़ों को देखते हुए सोशल डेवलपमेंट फॉर कम्युनिटी फाउंडेशन ने कोविड अध्ययन में इस पर चिंता जताई है। फाउंडेशन के संस्थापक अनूप नौटियाल के मुताबिक उत्तराखण्ड में कोविड से मौतें बेहद चिंताजनक हैं। उनका कहना है कि यह हालात तब हैं, जब पूरा फोकस राज्य के उन मैदानी हिस्सों पर है, जहां संक्रमण सबसे ज्यादा है और उससे निपटने के लिए स्वास्थ्य का बुनियादी ढांचा भी पहले से मौजूद है। परन्तु जिस तरह से बीते दिनों में पर्वतीय जिलों से संक्रमण के मामले लगातार सामने आ रहे हैं, उन्हें देखते हुए ऐसे में आगे चिंता और बढ़ जाती है।
बताते चलें कि दिल्ली से ज्यादा गंभीर हालात आज उत्तराखण्ड में देखने को मिल रही हैं। उत्तराखण्ड कोरोना संक्रमितों के मामले में देश के चौथे नम्बर पर है। तो वहीं प्रति एक लाख आबादी पर सक्रिय मामलों में केवल तीन राज्य केरल कर्नाटक और महाराष्ट्र उत्तराखण्ड से आगे हैं।