उत्तर नारी डेस्क
कोरोना काल में उत्तराखण्ड पुलिस द्वारा किए गए कार्य सराहनीय योग्य है। वह इस मुश्किल दौर में भी जरूरतमंदों तक अनाज से लेकर ऑक्सीजन सिलेंडर तक की मदद पहुंचा रहे है। साथ ही लॉकडाउन का सख्ती से पालन भी करा रहे है। लेकिन इस नेक काम के लिए जहां पुलिसकर्मियों को इनाम मिलना चाहिए था, तो वहीं इसका उल्टा हुआ है।
जी हाँ पुलिसकर्मियों के ग्रेड-पे में कटौती कर दी गई है। जिससे नाराज पुलिसकर्मी भले ही सीधे तौर पर अपना विरोध दर्ज नहीं करा रहे, लेकिन उन्होंने ड्यूटी के दौरान काला मास्क पहनकर आक्रोश जताना शुरू कर दिया है।
जिसको लेकर डीजीपी अशोक कुमार ने भी अपनी बात रखी है। उन्होंने कहा कि साथियों मैं जानता हूँ कि 7वें वेतन आयोग में कांस्टेबल या हेड कांस्टेबल के लिए 20 वर्ष की सेवा के बाद सब इंस्पेक्टर के ग्रडे पे के स्थान पर ASI के ग्रडे पे का प्रावधान होने को लेकर आप लोग खुश नहीं हैं।
आपकी समस्या के निस्तारण हेतु मेरे द्वारा शासन से पत्राचार किया गया है। माननीय मुख्यमंत्री जी और मुख्य सचिव जी से वार्ता के उपरांत इसके समाधान हेतु कमेटी का गठन किया गया है। माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा इस संबंध में सकारात्मक आश्वासन दिया गया है। मुझे उम्मीद है कि शासन द्वारा पुलिसकर्मियों की समस्या का कोई न कोई समाधान अवश्य निकाला जाएगा ।
पुलिस एक अनुशासित बल है और हमारा अनुशासन हमारा गहना है। वर्तमान में कोरोना संक्रमण के रोकथाम और नियंत्रण में हमें निष्ठापूर्वक अपना योगदान देना है। मुझे विश्वास है कि आप लोग निष्ठा पूर्वक अपना कर्तव्य पालन करते रहेंगे जिससे किसी को पुलिस पर ऊँगली उठाने का मौका न मिल सके ।
मैं यह भी स्पष्ट करना चाहूँगा कि जो लोग इस संबंध में पुलिस कर्मियों को भड़काएंगे या गुमराह करेंगे उनके विरुद्ध विधिक कार्यवाही अमल में लायी जायगी।
वहीं इस पर कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल का कहना है कि मामला कैबिनेट में विचाराधीन है। इस पर जल्द ही चर्चा होगी। सरकार किसी के साथ अन्याय नहीं होने देगी।