उत्तर नारी डेस्क
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते मंगलवार को मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत से फ़ोन पर वार्ता की। इस दौरान प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्री से राज्य में कोरोना संक्रमण की स्थिति की जानकारी ली और उन्होंने अधिक प्रभावित इलाकों के बारे में भी पूछा। साथ ही भरोसा दिया कि कोविड-19 महामारी की रोकथाम के लिए केंद्र सरकार उत्तराखण्ड की भरपूर मदद करेगी।
इस बीच कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने भी मुख्यमंत्री तीरथ रावत से फ़ोन पर वार्ता की। साथ ही कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए खास बातचीत की।
पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत में कहा कि कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए कोरोना कर्फ्यू को सख्त करने की जरूरत है। पहाड़ों और ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना की दस्तक को नियंत्रित करना होगा। प्रधानों को चालान करने एवं सीमित अवधि के लिए क्वॉरेंटाइन केंद्रों को बनाने के अधिकार दिए जा सकते हैं। इसके साथ ही हमें RTPCR की टेस्टिंग को बढ़ाने के साथ ही टेस्टिंग की लंबित रिपोर्ट को भी न्यूनतम करना होगा। हमें जीवन भी बचाना है और जीविका भी। ऐसे में आमजन को अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी। पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने कहा कि सरकार की अपनी सीमाएं होती हैं। ऐसे में प्रत्येक व्यक्ति को भी अपनी भूमिका सुनिश्चित करनी होगी।
बता दें उत्तराखण्ड में कोरोनावायरस का संक्रमण बढ़ता जा रहा है। बीते दिन मंगलवार को 24 घंटे के अंदर प्रदेश में कोरोना संक्रमण के 7028 मामले सामने आए हैं। वहीं 85 लोगों की मौत हुई जिससे एक बार फिर शासन से लेकर प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया है।