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उत्तराखण्ड ब्रेकिंग : जानें क्या है ब्लैक फंगस बीमारी जिसने उत्तराखण्ड में दी दस्तक

उत्तर नारी डेस्क 

उत्तराखण्ड राज्य में कोरोना महामारी की दूसरी लहर के बीच अब ब्लैक फंगस बीमारी का भी खतरा मंडराने लग गया है। यह बीमारी उन लोगों को हो रही है, जिनकी इम्युनिटी पॉवर कम है। साथ ही कोरोना संक्रमण से ठीक हुए उन मरीजों को जिन्हें डायबिटीज है। यह बीमारी दिमाग, फेफड़े और त्वचा को प्रभावित कर रही है। वहीं इसका वैज्ञानिक नाम म्यूकोरमायकोसिस है। बताया जा रहा है कि ये एक तरह का दुर्लभ फंगल इंफेक्शन है। यह शरीर में तेजी से फैलता है और इससे आँखों की रोशनी भी जाती हैं। वहीं इस बीच उत्तराखण्ड की राजधानी देहरादून से एक बड़ी खबर सामने आई है। जहाँ उत्तराखण्ड में ब्लैक फंगस बीमारी के 2 पुष्ट और 1 अपुष्ट के मामलों की पुष्टि हुई हैं। वहीं, मिली जानकारी के मुताबिक इसको लेकर अधिकारिक रूप से कोई बयान सामने नहीं आया है। वहीं, एक निजी अस्पताल के अनुसार राजधानी देहरादून में ब्लैक फंगस के 3 मरीजों को अस्पताल में भर्ती किए गया हैं, जिनका इलाज किया जा रहा है। जिनमें से 2 मरीजों में इसकी पुष्टि हो चुकी है, जबकि 1 की रिपोर्ट आनी बाकी है।

क्या है ब्लैक फंगस ?

भारतीय चिकित्सा विज्ञान परिषद (आईसीएमआर) के मुताबिक, ब्लैक फंगस यानि म्यूकोरमाइकोसिस शरीर में बहुत तेजी से फैलने वाला एक तरह का फंगल इंफेक्शन है। जो कि मरीज के दिमाग, फेफड़े या फिर स्किन पर भी अटैक कर सकता है। इस बीमारी में कई मरीजों के आंखों की रोशनी चली जाती है। वहीं, कुछ मरीजों के जबड़े और नाक की हड्डी गल जाती है। 

ब्लैक फंगस संक्रमित मरीजों के लक्षण ?

यह संक्रमण ज्यादातर उन्हीं मरीजों में देखने को मिला है जो कि डायबिटीज से पीड़ित हैं। ऐसे मरीजों को डायबिटीज पर कंट्रोल रखना चाहिए। विशेषज्ञों के मुताबिक ब्लैक फंगस के कारण सिर दर्द, बुखार, आंखों में दर्द, नाक बंद या साइनस के अलावा देखने की क्षमता पर भी असर पड़ता है। यह इतनी गंभीर बीमारी है कि मरीजों को सीधा आईसीयू में भर्ती करना पड़ रहा है। 

काम की सलाह

अगर किसी व्यक्ति में ये लक्षण दिखे तो उसे तुरंत डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए। विशेषज्ञों का मानना है कि कोरोना संक्रमण या उसके डर के कारण कई बार लोग बिना डॉक्टरी सलाह के या ज़रूरत से ज़्यादा स्टेरॉयड ले लेते हैं। ऐसा करने से ब्लैक फंगस का खतरा होता है। 

कोरोना मरीजों बरतनी हैं ये सावधानियां

आईसीएमआर (ICMR) के अनुसार, कोरोना संक्रमितों या ठीक हो चुके लोगों को खास ख्याल रखना चाहिए। कोरोना मरीज साफ-सफाई का का खास ख्याल रखें और रोजाना नहाएं। इसके अलावा धूल वाली जगहों पर मास्क जरूर लगाएं। 


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