उत्तर नारी डेस्क
उत्तराखण्ड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत कोरोना काल में लगातार सोशल मीडिया के जरिए अपनी राय रख कर सरकार को सुझाव दे रहे हैं। साथ ही सरकार का ध्यान कमियों की ओर भी केंद्रित कर रहे हैं। बता दें कि हरीश रावत खुद भी कोरोना संक्रमण की चपेट में आ चुके है और अब कोरोना से जंग जीत कर वह घर से ही कोरोना की हर स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं।
आपको बता दें कि हरदा ने ऑक्सीजन को लेकर अपने फेसबुक अकाउंट पर एक पोस्ट साझा की है, जिसमें उन्होंने लिखा है कि "ऑक्सीजन ले जा रही गाड़ियों को, चाहे वो ट्रक हों या फिर कुछ और, जो भी ऑक्सीजन कैरी करने वाला वाहन है, उसको रुएंबुलेंस का दर्जा दिया जाय, ताकि मार्ग में ऑक्सीजन पहुंचाने में अनावश्यक विलंब न हो।"
बताते चलें इससे पहले भी हरदा ने कोरोना की स्थिति को लेकर विपक्ष पर कुछ राजनैतिक कटाक्ष किए है। जहां उन्होंने लिखा कि माननीय Madan Kaushik जी, आज साधारण स्थिति में राज्य नहीं है, इस स्थिति में सत्तारूढ़ दल को हर संभव विपक्ष का सहयोग लेने का प्रयास करना चाहिये। शासन तंत्र से बड़ी त्रुटि होगी या निर्णय लेने में विलंब होगा तो विपक्ष धर्म है उसको मीडिया के माध्यम से सामने लाए। रुड़की हॉस्पिटल में ऑक्सीजन सप्लाई में हुये विलंब को विपक्ष नहीं उकेरेगा तो समय कल उसको भी कटघरे में खड़ा करेगा। विपक्ष के सुझावों को जहां संभव है, सरकार को ग्रहण करना चाहिये और उसकी सार्वजनिक प्रशंसा भी करनी चाहिये, हमारे ही आग्रह पर सर्वदलीय बैठक बुलाई गई और विपक्ष ने ही एकजुट होकर माननीय मुख्यमंत्री जी को कहा कि आप कोई भी कदम उठाइए, हम उस कदम के साथ हैं, उस बैठक में माननीय मदन कौशिक जी भी उपस्थित थे। एक बड़ी भावना है, उस बड़ी भावना को अपनी चुटकी काटने की आदत से खंडित न करें। मैं हर अच्छे प्रयास को प्रोत्साहित करने की कोशिश कर रहा हूंँ, यहां तक कि अधिकारियों की भी प्रशंसा कर रहा हूंँ। मैं समझता हूंँ कि यह मौका हम सबके लिये एक-दूसरे को प्रोत्साहित कर कोरोना को पराजित करने का है, जो इस समय देश, दिल्ली और देहरादून में डरावनी आकृति ग्रहण कर चुका है।