उत्तर नारी डेस्क
किच्छा :- 1975 में आज ही के दिन कांग्रेस ने सत्ता के स्वार्थ व अंहकार में देश पर आपातकाल थोपकर विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र की हत्या कर दी। असंख्य सत्याग्रहियों को रातों रात जेल की कालकोठरी में कैदकर प्रेस पर ताले जड़ दिए। नागरिकों के मौलिक अधिकार छीनकर संसद व न्यायालय को मूकदर्शक बना दिया। उक्त वक्तब्य आज लोकतंत्र सेनानी के सम्मान समारोह को सम्बोधित करते हुए विभाग प्रचारक नरेन्द्र जी ने कही।
भारतीय जनता पार्टी किच्छा नगर के द्वारा मंडी गेस्ट हाउस में आपातकाल की बरसी पर लोकतंत्र सेनानियों को सम्मानित करने का कार्यक्रम आयोजित किया गया। अपने सम्बोधन में विधायक राजेश शुक्ला ने कहा कि भारत में 25 जून, 1975 को लोकतंत्र पर सबसे बड़ा हमला हुआ, जब देश में आपातकाल लगाया गया। तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने सभी मौलिक अधिकारों को निरस्त कर दिया, प्रेस पर सेंसरशिप लगा दी, राजनीतिक विरोधियों को जेल में डाल दिया। एक परिवार के विरोध में उठने वाले स्वरों को कुचलने के लिए थोपा गया आपातकाल आजाद भारत के इतिहास का एक काला अध्याय है।
21 महीनों तक निर्दयी शासन की क्रूर यातनाएं सहते हुए देश के संविधान व लोकतंत्र की रक्षा के लिए निरंतर संघर्ष करने वाले सभी देशवासियों के त्याग व बलिदान को नमन करते हैं।
कार्यक्रम को अन्य वक्ताओं ने सम्बोधित किया। विभाग प्रचारक नरेंद्र जी व विधायक राजेश शुक्ला के साथ कार्यकर्ताओं ने लोकतंत्र सेनानी हरीश पंत व किशन लाल नारंग को सम्मानित किया। इस दौरान कमलेन्द्र सेमवाल, शैली फुटेला, विवेक राय, दिनेश भाटिया, राकेश गुप्ता, अभिषेक सक्सेना, सचिन सक्सेना, चंदन जायसवाल, देवेंद्र शर्मा, हर्ष गंगवार, विनोद कोली, गफ्फार खान, रहीस बरकाती, ओम तनेजा, चूरामणि सागर, अमरीक सिंह, मयंक चौहान, विनय राय, बबलू गंगवार, जतिन गंगवार, हरविंदर चुघ मौजूद थे।