उत्तर नारी डेस्क
कोरोना महामारी के दौरान स्वास्थ्य विभाग लगातार छापे मारी कर अवैध तरीके से संचालित क्लीनिक को सीज़ कर रहा है। इसी क्रम में बीते दिनों कोटद्वार के लकड़ी पड़ाव क्षेत्र में भी लंबे समय से अवैध तरीके से संचालित 4 क्लीनिकों को स्थानीय प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा छापेमारी कर सीज किया था। वहीं, अब ऐसा ही एक और प्रकरण सामने आ रहा है। जहां प्रार्थी विनोद सिंघल जो कि लकड़ी पड़ाव वार्ड न0-10 में जनता मेडिकल स्टोर चलाता है का कहना है कि कल दिनांक 01.06.2021 को प्रशासन की टीम द्वारा अवैध रूप से संचालित हो रहे अस्पतालों व मेडिकल स्टोरो में छापे मारी की गई। जिसमें मेरे मेडिकल स्टोर के सारे दस्तावेज सही पाऐ गये थे। साथ ही इसी क्षेत्र में अवैध रूप से संचालित हो रहे एक क्लीनिक को पूर्ण दस्तावेज न होने के कारण सील भी किया गया।
तो वहीं, निजी क्लीनिक के डॉक्टर उमर दराज का आरोप है कि छापेमारी के दौरान टीम ने उनके दस्तावेज देखने से इंकार कर दिया। साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि प्रशासन की टीम ने कहीं और से दवाई लेकर निजी क्लीनिक में रखी है। जबकि उनके पास डब्ल्यूएचओ द्वारा प्रमाणित दस्तावेज है। परन्तु फिर भी उक्त क्लीनिक का मालिक डाक्टर उमरदराज पुत्र मौ० जानी, मौ० मुखतयार पुत्र मौ० जानी और दोनों लोगों की धर्मपत्नीयों एवं बहनों व सम्पूर्ण परिवार के लोगों एवं कई असमाजिक तत्वों द्वारा लगातार धमकी दी जा रही है।
डा० उमरदराज का कहना है कि प्रशासन को इन्होनें रिश्वत देकर मेरे क्लीनिक में प्रयोग में लाई गई दवाइयों प्रशासन के माध्यम से रखवा दी गई और कहा कि हम लोग आपको इस जगह पर मेडिकल स्टोर संचालित नहीं करने देंगे और अगर वहां वो जबरन भी मेडिकल स्टोर खोलते हैं तो उन्हें मारने की धमकी दी गई हैं, साथ ही यह भी कहा कि पुलिस विभाग और प्रशासन भी तुम्हें नहीं बचा पाएगा। जिससे डॉक्टर उमर दराज के परिवारजनों को मानसिक तनाव पैदा हो गया। डॉ उमर दराज ने कहा कि मुझे और मेरे परिवार को जानमाल का खतरा उक्त सभी लोगो से बना हुआ है। अगर मुझे या मेरे परिवार को भविष्य में कुछ भी होता है तो इसके लिए उक्त सभी लोग पूर्ण रूप से जिम्मेदार होंगे। उन्होंने थानाध्यक्ष से निवेदन किया है कि उक्त लोगों पर जल्द से जल्द कानूनी कार्यवाही की जाए।