उत्तर नारी डेस्क
उत्तराखण्ड के पौड़ी जिले के थाना थलीसैंण के रौली गांव में पुल के नीचे फेंकी गई नवजात बच्ची मिली। जिससे गांव में अलग अलग तरह की बातें होने लगी। नवजात बच्ची को फेंकने वाली मां की ममता तो नहीं जागी लेकिन गांव में कई महिलाओं ने बच्ची को गोद लेने की उत्सुकता भी जाहिर की। इच्छा जाहिर करने वालों में अधिकारी वर्ग के लोग भी शामिल हैं। वहीं, बच्ची का उपचार अभी राजकीय मेडिकल कालेज श्रीनगर के बेस अस्पताल में किया जा रहा है।
बता दें कि थलीसैंण विकासखंड के रौली गांव के समीप ही बह रहे गदेरे में डाट पुल के नीचे एक नवजात बच्ची मिली थी। ग्रामीणों ने इसकी सूचना पुलिस को दी, जिसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने नवजात बच्ची को उपचार के लिए सीएचसी थलीसैंण में भर्ती कराया था। जहां प्राथमिक उपचार के बाद डॉक्टरों ने इस नवजात को बेस अस्पताल श्रीनगर रैफर कर दिया था। जहां चिकित्सकों ने नवजात को पूर्ण रूप से स्वस्थ बताया है। वहीं दूसरी ओर जिला बाल कल्याण समिति की अध्यक्ष इंदु वशिष्ठ ने चिकित्सालय पहुंच नवजात बच्ची की स्वास्थ्य की जानकारी डॉक्टरों से ली। उन्होंने कहा कि बच्ची के पूर्ण रूप से स्वस्थ होने के बाद ही शिशु निकेतन देहरादून भेजा जाएगा।