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युवा आशीष डबराल के जज़्बे को सलाम, 22 ग्रामों के लिए शुरू किया निःशुल्क आरोग्य केन्द्र

उत्तर नारी डेस्क 

उत्तराखण्ड में पहाड़ों से पलायन यह सबसे बड़ी चिंता का विषय है। परन्तु क्या कभी किसी ने यह सोचा कि आखिर क्यों पहाड़ों से लगातार पलायन होता है। आखिर क्यों गांव का हर दूसरा व्यक्ति अपनी जड़ों को छोड़ने के लिए मजबूर होता है। आपको बता दें पलायन करने का सबसे बड़ा कारण रोजगार के मौकों की कमी, शिक्षा की समुचित व्यवस्था का अभाव और यहाँ स्वास्थ्य व्यवस्था दुरुस्त न होना लोगों को अपनी जड़ों को छोड़ने के लिए मजबूर करती है। लेकिन सिर्फ पलायन की बात करना और पलायन के खिलाफ जंग लड़ना दोनों में बहुत फर्क होता है। यह फर्क कम कर दिखाया पौड़ी जनपद के छोटे से गांव तिमली के रहने वाले आशीष डबराल ने जो कि पहाड़ी युवाओं के लिए आज एक मिसाल हैं।

आशीष डबराल ने वह कर दिखाया जो बड़े बड़े पहाड़ प्रेमी भी नहीं कर पाते। जी हाँ, यह पहाड़ के प्रति आशीष का लगाव और प्यार ही तो है। जो उन्हें अपने पहाड़, अपने गांव तिमली के बच्चों को पढ़ा कर खुशी देती है। इसके साथ ही वह खेती के नए और उन्नत तरीकों से भी लोगों को रूबरू कराते हैं। 

आपको बता दें, शिक्षा और रोजगार देने के साथ ही आशीष डबराल ने अब तिमली आरोग्य केंद्र भी बनवा दिया है जो कि औपचारिक रूप से बीते मंगलवार से जन सेवा हेतु प्रारंभ हो गया है। जो 4 bed युक्त है और वर्तमान में विषम परिस्थितियों में यह  तिमली आरोग्य केंद्र  लगभग 22 ग्रामों को निःशुल्क सेवा प्रदान करेगा। 

बता दें, आशीष गुड़गांव की एक नामी टेलीकॉम कंपनी में ऊंचे ओहदे पर तैनात है। साथ ही वह हर वीकेंड में गांव पहुंचते हैं और बच्चों को प्रोत्साहित करते हुए उन्हें पढ़ाते हैं। इस विद्यालय को तिमली विद्यापीठ के नाम से जाना जाता है। जो आज उत्तराखण्ड के टॉप स्कूलों में गिना जा रहा है। इसके साथ ही उनका ट्रस्ट गांव में बच्चों के लिए अंग्रेजी माध्यम का स्कूल और निशुल्क कंप्यूटर सेंटर चला रहा है। आज इस गांव में आशीष डबराल ने रोजगार के नए तरीके से गांव वालों को अवगत तो कराया ही है साथ ही गांव में रोजगार भी दिया है। 

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