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उत्तराखण्ड में 2 किलो चीनी बाँटने के आदेश के बाद भी हो रहा ये, जानें पूरा मामला

उत्तर नारी डेस्क 

उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने ऐलान किया था कि हमारी सरकार राशन कार्ड धारकों को हर माह 2 किलो चीनी देगी। लेकिन, मुख्यमंत्री के आदेश को हल्के में लेकर अधिकारियों ने पालन ही नहीं किया। खाद्य-पूर्ति विभाग की ओर से सस्ता गल्ला स्वामियों को 2 किलो चीनी बांटने के निर्देश दिए हैं, लेकिन सस्ता गल्ला स्वामियों को जून माह में जो कोटा मिला है उसके अनुसार उन्हें चीनी वितरण के लिए 1 किलो 640 ग्राम चीनी दी गई है। वहीं, जिला पूर्ति अधिकारी के 2 किलो चीनी बांटने के आदेश से सस्ता गल्ला दुकानदारों की परेशानी बढ़ गई है। क्योंकि राशन कार्ड धारक दुकानों में 2 किलो चीनी लेने के लिए पहुंचने लगे हैं, लेकिन वितरण के लिए पूरा कोटा नहीं होने के कारण सस्ता गल्ला दुकानदार ने अभी तक चीनी नहीं बांटी है। वहीं, राशन दुकानदारों की माने तो अगर दो किलो चीनी बांट भी देते हैं तो यह चीनी सभी कार्ड धारकों को नहीं मिल पाएगी, जिससे दुकान में हंगामा हो सकता है।

बता दें कि कुमाऊं के 6 जिलों के अलावा पौड़ी और चमोली के आंशिक क्षेत्र के 10 लाख 78 हजार राशन कार्ड धारकों को जून, जुलाई और अगस्त माह में 2-2 किलो चीनी मुहैया करायी जानी हैं। इसके लिए आरएफसी गोदामों से सस्ता गल्ला दुकानदारों ने चीनी का उठान शुरू कर दिया है। वहीं, जून माह में सस्ता गल्ला विक्रेताओं को वितरण के लिए केवल 1 किलो 640 ग्राम ही चीनी मिल पाई है। तो वहीं दूसरी बार मिले बजट की चीनी अभी गोदाम तक नहीं पहुंच पाई है। वहीं डीएसओ ने सभी सस्ता गल्ला स्वामियों को निदेर्शित किया है कि जून माह की 2-2 किलो चीनी जल्द बांटी जाए। लाभांस और किराए भाड़े की मांग से जूझ रहे गल्ला दुकानदारों को नए आदेश के बाद चीनी वितरण को लेकर असमंज की स्थिति हो गई है। इसके अलावा डीलरों ने चीनी वितरण के लिए कमीशन और किराए को लेकर सवाल खड़े किए हैं। उनका कहना है कि डीलर नुकसान उठाते हुए चीनी नहीं बांटेगा।

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