उत्तर नारी डेस्क
पूरे देश मे ट्रांसजेंडर वर्ग को अलग से सरकारी पहचान पत्र मिलने की नई शुरुआत हो चुकी है। केंद्रीय सामाजिक न्याय विभाग ने उभयलिंगी सरंक्षण अधिनियम 2019 के तहत इसकी शुरुआत की है। परन्तु अब उत्तराखण्ड में भी पहली बार किन्नरों को पहचान दी गई है। जी हाँ आपको बता दें कि किन्नरों को पहचान देने वाला देहरादून राज्य का पहला जिला बन गया है। जहां समाज कल्याण विभाग की ओर से जिले के दो किन्नरों को पहचान पत्र जारी किए गए हैं। समाज कल्याण अधिकारी हेमलता पांडेय ने बताया कि जिलाधिकारी के प्रयासों से विक्रम उर्फ काजल थापा और सुनील उर्फ अदिति शर्मा को आईडी कार्ड जारी किया गया है।
बता दें किन्नरों को अब तक आधिकारिक रूप से अलग से पहचान पत्र नहीं दिया गया था। लेकिन केंद्र सरकार ने इस वर्ग को विशिष्ट पहचान और सरकारी सुविधाओं का लाभ देने के लिए एक नेशनल पोर्टल की शुरुआत की है। ऑनलाइन आवेदन के बाद ट्रांसजेंडर को सरकारी पहचान पत्र जारी कर दिया जाता है, जिसे देश भर में मान्य किया गया है। साथ ही किन्नर अपनी इच्छा से नाम भी परिवर्तित कर सकते हैं। अब पहचान पत्र मिलने से ये उम्मीद है कि सरकारी सुविधाओं में भी इन्हें बिना भेदभाव लाभ मिलेगा ताकि यह खुद को अपेक्षित महसूस न कर सके।
बताते चलें पहचान पत्र मिलने से अब किन्नर किसी भी बैंक से लोन लेकर बिजनेस भी कर सकते हैं और सरकारी योजना का लाभ भी उठा सकते हैं। यह एक बड़ा बदलाव है जो सरकार ने उन्हें दिया है।