उत्तर नारी डेस्क
कोरोना मरीज के इलाज में आनाकानी करने पर अब कड़ी कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है। जी हाँ उत्तराखण्ड में अब मरीजों का इलाज न करने वाले डॉक्टरों पर कार्रवाई होगी। बता दें राजकीय दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल के प्राचार्य डॉ. आशुतोष सयाना ने अस्पताल के आपातकालीन कक्ष में मरीजों को उचित उपचार न देने वाले डॉक्टरों पर सख्त कार्रवाई के संकेत दिए हैं। डॉ. सयाना ने कहा कि लापरवाही किसी तरह से बर्दाश्त नहीं की जाएगी। साथ ही इलाज में आनाकानी करने पर आरोपी डॉक्टरों पर राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन अधिनियम और एपेडेमिक डिसीज-1897 के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी।
बताते चलें बीते बुधवार और बृहस्पतिवार को आपातकालीन कक्ष में तैनात डॉक्टरों ने जहां एक मरीज को यह कहकर भर्ती करने से इनकार कर दिया था, कि अस्पताल में आईसीयू सिर्फ कोविड मरीजों के लिए आरक्षित हैं। जबकि, उस दौरान आईसीयू में सिर्फ आठ मरीज भर्ती थे।
मजबूरन परिजनों को मरीज को निजी अस्पताल में ले जाना पड़ा था। इसी तरह, एक और जहां एक मजदूर की भी सामान्य स्थिति बताकर उन्हें घर जाने को कह दिया। हालत ठीक न होने पर मजदूर को निजी अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। इससे पूर्व में भी आपातकालीन कक्ष में तैनात डॉक्टरों पर मरीजों के प्रति लापरवाही और उनसे उचित व्यवहार न करने के आरोप लगते रहे हैं।
डॉ. सयाना ने कहा कि कोरोना के नाम पर मरीजों के उपचार में किसी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी। कहा कि कुछ डॉक्टरों और स्टाफ के इस तरह के कृत्य से रात दिन मेहनत में लगे अन्य डॉक्टरों व कर्मियों का मनोबल भी टूटता है। इसी को देखते हुए प्राचार्य डॉ. आशुतोष सयाना ने कहा कि अस्पताल के आपातकालीन कक्ष में मरीजों को उचित उपचार न देने वाले डॉक्टरों पर सख्त कार्रवाई हो सकती हैं।