उत्तर नारी डेस्क
अल्मोड़ा के बहुचर्चित भुवन जोशी हत्याकांड से तो हर कोई वाकिफ है। जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुआ था। अब भुवन चंद्र जोशी हत्याकांड में एक नया मोड़ आया है। जहां इस मामले में कोर्ट ने एक बड़ा फैसला लिया है।
आपको बता दें कि सत्र न्यायाधीश मलिक मजहर सुल्तान की अदालत ने मामले में शामिल 6 आरोपियों की जमानत अर्जी को नामंजूर कर दिया है। कोरोना वायरस के चलते इस मामले की सुनवाई ऑनलाइन हुई थी। शासकीय अधिवक्ता(फौजदारी) की ठोस दलील व पुरजोर विरोध पर अदालत ने जमानत नहीं दी।
शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) पूरन सिंह कैड़ा ने जमानत का विरोध करते हुए अदालत को बताया कि भुवन जोशी के साथ मारपीट हुई थी। एक लड़की के साथ छेड़खानी के आरोप में वहां मौजूद ग्रामीणों ने भुवन जोशी को पीट-पीटकर अधमरा कर दिया और मौत के घाट उतार दिया जिसकी पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी पुष्टि भी हुई है। जिसके संबंधी वीडियो इंटरनेट मीडिया पर वायरल भी हुए थे। शासकीय अधिवक्ता ने यह भी कहा कि यदि अभियुक्तों को जमानत दी जाती है तो वह फरार हो सकते हैं। या फिर साक्ष्यों के साथ भारी छेड़खानी भी हो सकती है। दोनों पक्षों को सुनने व तथ्यों के परीक्षण बाद सत्र न्यायाधीश मलिक मजहर ने सभी आरोपियों की जमानत याचिका खारिज कर दी है।
बताते चलें आरासल्पड़ गांव में ग्रामीणों की निर्मम पिटाई से दन्यां निवासी भुवन जोशी की मौत हो गई थी। इस मामले में मृतक के भाई गोविंद जोशी ने थाने में आरोपी दीवान सिंह, बसंत बल्लभ पांडे, दया किशन पांडे, हरीश चंद्र पांडे, नर सिंह व शिवदत्त पांडे के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था और सभी आरोपी तभी से जेल में बंद हैं। घटना के कुछ ही दिन बाद पुलिस ने सभी को गिरफ्तार कर लिया था।