उत्तर नारी डेस्क
कोरोना काल की दूसरी लहर ने अपने देश के कई होनहार लाल खो दिए। इसी क्रम में अब वैक्सीन मैन के नाम से मशहूर चंद्रवल्लभ बेंजवाल का नाम भी शामिल हो गया है। आपको बता दें बीते रविवार को दिल्ली के एक अस्पताल में ब्लैक फंगस के चलते उनका निधन हो गया। चंद्र बल्लभ बेंजवाल कुछ दिनों से कोरोना संक्रमण के साथ ब्लैक फंगस जैसी गंभीर बीमारी से भी संक्रमित थे। बीती चौबीस मई को उन्हें दिल्ली मैक्स हस्पताल में भर्ती करवाया गया था। जहां उनकी आँख और नाक की सर्जरी हुई थी। बताया जा रहा है, उनकी सेहत में कुछ सुधार हो रहा था, परन्तु रविवार को सुबह अचानक दिल का दौरा पड़ने से उनकी मृत्यु हो गयी। उनके निधन से उत्तराखण्ड को ही नहीं बल्कि उनकी कंपनी, उनके गांव को भी झटका लगा है। क्यूंकि वह कोरोना से लड़ाई के अभियान में प्रोजेक्ट हेड होने के कारण कोवैक्सीन बनाने की तैयारियों में लगे हुए थे।
बताते चलें चंद्रवल्लभ बेंजवाल उत्तराखण्ड के रुद्रप्रयाग में स्थित अगस्त्यमुनि ब्लॉक के बेंजी गांव के रहने वाले थे। चंद्रवल्लभ बेंजवाल पर स्वदेशी कोवैक्सीन बनाने की जिम्मेदारी थी। वो चोला स्थित बिबकोल कंपनी के सीनियर वाइस प्रेसीडेंट एवं प्रोजेक्ट हेड के तौर पर काम कर रहे थे। चंद्रवल्लभ बेंजवाल चाहते थे कि वे रिटायरमेंट के बाद अपने गांव में आकर बाकी का जीवन बिताए। लेकिन उनकी ये इच्छा पूरी नहीं हो पाई।
बता दें उन्होंने साल 1981 में हाईस्कूल और 1983 में इंटर पास किया। बाद में गोपेश्वर में उन्होंने बीएससी की पढ़ाई की। इसके बाद वर्ष 1988 में कानपुर एचबीआईटी से बीटेक में गोल्ड मेडल प्राप्त किया। आईआईटी मद्रास से पढ़ाई के बाद उनकी नियुक्ति भारत इम्यूनोलॉजिकल एंड बायोलॉजिकल कॉरपोरेशन लिमिटेड (बीआईबीसीओएल) में हुई। वे वर्तमान में सीनियर वाइस प्रेसीडेंट थे।