उत्तर नारी डेस्क
हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी बरसात के आने के साथ जनजीवन अस्तव्यस्त होने लगा है। पहाड़ों पर लगातार हो रही मूसलाधार बारिश ने अपना प्रभाव दिखाना शुरू कर दिया है। तो वहीं उत्तराखण्ड में आपदा की मार कई बार जिलों के लोग झेल चुके हैं। बता दें शनिवार रात मूसलाधार बारिश ने बागेश्वर जिले के कपकोट में जमकर तबाही मचाई है। जिले के कपकोट तहसील सुमगढ़ ऐठाण के ईटावन तोक में अतिवृष्टि के बाद आए मलबे में एक घर दब गया। मलबे में परिवार के तीन सदस्यों के दब गए। जिसके बाद ग्रामीणों द्वारा घटना की सूचना मिलते ही रविवार की सुबह राजस्व पुलिस, एसडीआरएफ, डॉक्टरों की टीम और एंबुलेंस मौके पर पहुंची। गांव से 8 किलोमीटर पहले मोटर मार्ग भी बंद है, जिससे आपदा राहत खोजबीन में देरी हो रही है।
बता दें कि तहसीलदार कपकोट ने इस घटना की पुष्टी की है। वहीं, गृहस्वामी गोविंद सिंह पांडा, उनकी पत्नी खष्टी देवी और आठ वर्षीय बालक हिमांशु पंडा मलबे में दबे गए। जिनकी मलबे में दबकर दर्दनाक मौत हो गयी है। कपकोट के सरन गांव में भी कई घरों में मलबा घुसने की सूचना है।