उत्तर नारी डेस्क
उत्तराखण्ड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने पुष्कर धामी कैबिनेट मीटिंग में लिए गए फैसलों को लेकर सरकार पर निशाना साधा है। हरदा ने कटाक्ष करते हुए कहा कि नए मुख्यमंत्री 22000 नौकरियां नहीं केवल 2200 पदों पर नौकरियां कहां-कहां, किस विभाग में दे रहे हैं और उसकी सूची जरा प्रकाशित कर दें, तो वे स्वयं उनको धन्यवाद प्रेषित करेंगे। लोग जरा देख तो सकें कि यदि पूरी फिल्म नहीं है नौकरियों की तो, एक झलक तो दिखा दें।
हरदा ने सोशल मीडिया में पोस्ट कर लिखा कि जबसे भारतीय जनता पार्टी की चला चली की बेला अर्थात सरकार का आखरी वर्ष शुरू हुआ है। पहले मुख्यमंत्री जी ने (7,50,000) साढ़े सात लाख नौकरियां दे दी हैं, इसकी घोषणा की और भाजपा के दोस्तों ने बड़ा शोर मचाया। दूसरे मुख्यमंत्री जी को लगा कि यह आंकड़े कुछ ज्यादा हो गये हैं तो उन्होंने संशोधित करके इस आंकड़े को 24 हजार नौकरियों तक लेकर के आये। उन्होंने कहा हम 24000 पदों पर अभी भर्तियां कर रहे हैं या कर चुके हैं। बेरोजगार नौजवान चिल्लाए कि वो भर्तियां हुई कहां हैं? आपने तो जिन पदों में भर्तियां हुई थी उनमें भी रोक लगा दी है, तो तीसरे मुख्यमंत्री जी ने भी फिर से आंकड़ा संशोधित करके अब 22000 नौकरियां देने का संकल्प पारित किया है और यह दर्शाने की कोशिश की है, जैसे ये अब कानूनी अधिकार बन गया हो, संकल्प पारित और मैं बहुत विनम्रता से भाजपा को सलाह देना चाहता हूंँ कि वो कुछ नहीं, वो केवल 2200 पदों पर नौकरियां कहां-कहां, किस विभाग में दे रहे हैं और उसकी सूची जरा प्रकाशित कर दें, तो लोग जरा देख तो सकें कि यदि पूरी फिल्म नहीं है नौकरियों की तो, एक झलक तो दिखा दें। नये मुख्यमंत्री जी नौजवान हैं, उन्हें नौजवानों से संवाद कर यह पूछना चाहिए कि कहां-कहां उनके सामने दिक्कतें हैं और जिन नौकरियों को हम कह रहे हैं कि उनको मिल गई हैं, यदि उनको नहीं मिली है तो बताएं, वो वास्तविक स्थिति आईना बता देंगे मुख्यमंत्री जी को, तो ये प्रचार तंत्र से चुनाव जीते जा सकते हैं, लोगों को नौकरियां नहीं दी जा सकती हैं, इसे समझना होगा।
बता दें इसके साथ ही हरीश रावत ने सरकार को सुझाव दिया है कि उपनल, अतिथि शिक्षकों, मनरेगा और अन्य भर्तियों में यदि सरकार वाकई राहत देना चाहती है तो उन्हें स्थायी कर दे।