उत्तर नारी डेस्क
कोरोना की दूसरी लहर ने उत्तराखण्ड में जमकर कहर बरपाया था, जिसको देखते हुए प्रदेश सरकार ने कांवड़ यात्रा पर रोक लगा दी है। परन्तु इसके बावजूद हरिद्वार में कांवड़ यात्रियों का आना जारी है। जो कि उत्तराखण्ड प्रशासन के लिए चुनौती बना हुआ है।
बता दें उत्तराखण्ड शासन के निर्णयानुसार कांवड़ियों की प्रदेश में एंट्री बैन है। परन्तु इसके बावजूद भी कुछ कांवड़िए पुलिस को चकमा देते हुए हरकी पैड़ी पहुंच रहे हैं। उत्तराखण्ड पुलिस के मुताबिक अब तक कम से कम 3000 कांवड़ियों को लौटाया जा चुका है। गंगाजल लेने पहुंचे 300 से ज़्यादा कांवड़ियों को हरिद्वार रेलवे स्टेशन से लौटाया गया है।
तो वहीं नगर कोतवाल राजेश शाह ने बताया कि कांवडियों पर नजर रखी जा रही है। दूसरे प्रदेशों में पुलिस टीमें भेजकर वहां की पुलिस की मदद से लोगों को कांवड़ मेला स्थगित होने की जानकारी दी जा रही है। डीआईजी नीलेश आनंद भारणे का कहना है कि बॉर्डर से ही कांवड़ियों को रोकने के इंतज़ाम किए गए हैं, लेकिन इसके बावजूद अगर कोई हरिद्वार में प्रवेश ले लेता है, तो उसे 14 दिनों के लिए क्वारंटाइन कर दिया जाएगा और नियम का उल्लंघन करने वालों पर कार्रवाई करने की बात भी कही है। भारणे के मुताबिक हरिद्वार बॉर्डर पर टैंकरों के ज़रिये गंगाजल मुहैया कराने की व्यवस्था की गई है ताकि लोग शहर के भीतर प्रवेश न करें।
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