उत्तर नारी डेस्क
उत्तराखण्ड के पौड़ी जिले के कोटद्वार से हैरान कर देने वाली खबर सामने आई है। कोटद्वार भाबर के हल्दूखाता पट्टी के एक वार्ड में एक नवविवाहिता ने शादी के दो महीने बाद नवजात शिशु को जन्म दिया और उसको झाड़ियों में मरने के लिए फेंक दिया। पलभर के लिए मां को ममता भी याद नहीं आई कि उसने जिस बच्चे को नौ माह तक पेट में रखा, उसे कैसे झाड़ियों में मरने के छोड़ दूं? वहीं माँ ने तो बच्चे को मरने के लिये झाड़ियों में छोड़ दिया मगर इस बच्चे के लिए खाकी देवदूत साबित हुई।
आपको बता दें कि कोटद्वार के बेस चिकित्सालय की सूचना पर मौके पर देवदूत बनकर पहुंची कोटद्वार पुलिस ने बच्चे को बरामद कर उसे उपचार के लिए राजकीय बेस अस्पताल में भर्ती कराया। जहाँ डॉक्टरों ने बच्चे की हालत को अब सामान्य बताया है। वहीं पुलिस ने नवविवाहिता के खिलाफ सुसंगत धाराओं में मुकदमा दर्ज कर जांच में शुरू कर दी है। वहीं, कोतवाली प्रभारी निरीक्षक नरेंद्र सिंह बिष्ट ने बताया कि आज बुधवार को दोपहर को भाबर क्षेत्र निवासी एक नवविवाहिता ने नवजात शिशु को जन्म देने के बाद झाड़ियों में फेक दिया। इस घटना की सूचना मिलते ही कोटद्वार पुलिस हरकत में आई और कोतवाली से महिला उपनिरीक्षक भावना भट्ट और उप निरीक्षक अनित कुमार मौके पर पहुंचे, जहां झाड़ियों में ढूंढने के नवजात पुलिस को मिल गया। वहीं, इस दौरान नवजात की सांसे चल रही थी और वहीं पुलिस ने सूझ बूझ का परिचय देते हुए उसे चादर में लपेट कर राजकीय बेस अस्पताल कोटद्वार में भर्ती कराया। वहीं, पुलिस ने नवविवाहिता से पूछताछ की तो उसने बताया कि बुधवार तड़के 4:00 बजे उसने एक नवजात शिशु को जन्म दिया था। जिसके बाद महिला ने नवजात शिशु के बारे में अपने साथ ससुर को ना बता कर घर के पीछे झाड़ियों में फेंक दिया था।
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