उत्तर नारी डेस्क
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज वात्सल्य योजना का शुभारंभ कर दिया है। आपको बता दें वात्सल्य योजना का लाभ उन 640 बच्चों को मिलेगा। जिनकी माता-पिता या संरक्षक की मृत्यु कोविड के चलते हुई है। साथ ही सभी लाभार्थी बच्चों को आर्थिक सहायता के साथ-साथ उनकी शिक्षा एवं स्वास्थ्य सुविधाएं भी की जाएंगी। योजना के पहले चरण में लाभार्थी बच्चों को प्रत्येक माह तीन हजार रुपये मिलेंगे। जो कि डीबीटी (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) के माध्यम से सीधे खातों में आएगी।
बताते चलें प्रदेश में कोरोना की पहली और दूसरी लहर के कारण कई बच्चे अनाथ हुए है। जिनके कल्याण के लिए सरकार द्वारा यह मत्वकांक्षी योजना शुरू की गयी है। विभाग की ओर से इस तरह के अब तक 2311 बच्चे चिन्हित कर लिए गए हैं, लेकिन फिलहाल 27 फीसदी बच्चों को ही वात्सल्य मिलेगा। जिलाधिकारियों की ओर से इन बच्चों के सत्यापन का काम पूरा कर लिया गया है। जबकि चिन्हित किए गए अन्य बच्चों के सत्यापन की प्रक्रिया अभी चल रही है। इसके साथ ही बच्चों के सुरक्षा और संरक्षण के लिए समस्त जिलाधिकारियों को प्रभावित बच्चों की देखभाल, पुनर्वास, चल-अचल संपत्ति के साथ ही उत्तराधिकारों की रक्षा के लिए नामित किया गया है। साथ ही उनको ऐसे बच्चों का संरक्षक अधिकारी भी नियुक्ति किया गया।
तो वहीं महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्य ने बतया कि मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना का आज से शुभारंभ हो गया है। योजना कोविड या अन्य बीमारियों से माता-पिता, संरक्षक की मृत्यु से प्रभावित बच्चों के कल्याण के लिए महत्वाकांक्षी पहल है।
योजना के तहत अल्मोड़ा से 49 , बागेश्वर से 22 , चमोली से 28 , चंपावत से 59 , देहरादून से 123 , हरिद्वार से 70 , नैनीताल से 146 , पौड़ी गढ़वाल से 122 , राद्रप्रयाग से 54 , उद्यम सिंह नगर से 79 , टिहरी गढ़वाल से 132 , पिथौरागढ़ से 41 और उत्तरकाशी से 137 बच्चे लाभान्वित हुए।
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