उत्तर नारी डेस्क
बेरोजगारों की तरफ़ से मुख्यमंत्री के विधानसभा क्षेत्र खटीमा से पहुँचे भूपेंद्र ने बताया कि उनका प्रतिनिधिमंडल शांतिपूर्ण ढंग से मुख्यमंत्री से मिलना चाहता था और अपनी नियुक्ति में हो रही देरी से मुख्यमंत्री को अवगत कराना चाहता था, लेकिन अधिकारियों द्वारा उनकी एक नहीं सुनी गयी और बलपूर्वक वहाँ से हटा दिया गया।
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आपको बता दें कि पिछले दिन ही डायट डीएलएड प्रशिक्षितों द्वारा प्राथमिक शिक्षक भर्ती में हो रही देरी के विरोध में विधानसभा कूच किया गया था। वहाँ भी उनका ज्ञापन मुख्यमंत्री या उनके किसी प्रतिनिधि ने नहीं लिया। प्रशिक्षित बेरोजगार जितेन्द्र ने बताया कि राज्य सरकार लगातार रिक्त पदों को भरने की बात कर रही है लेकिन जो भर्तियां 4-5 सालों से लटकी हुई है, उन्हें पूरा करने के लिए सरकार बिल्कुल गंभीर नहीं है। प्रशिक्षितों का साफ़ कहना था कि जब तक उनकी नियुक्ति नहीं हो जाती वो लगातार शिक्षा निदेशालय में बैठे रहेंगे और अपनी नियुक्ति के बाद ही यहाँ से उठेंगे।
एक ओर जहाँ सत्ता पक्ष से धरनास्थल पर कोई भी नेता प्रशिक्षितों की सुध लेने नहीं आया वहीं दूसरी ओर डायट डीएलएड प्रशिक्षितों का धरना हर पार्टी का मंच बनता जा रहा है। इसका कारण है अपने हक़ के प्रति प्रशिक्षितों का जोश और जुनून और लगातार धरना स्थल पर डटे रहकर अपनी मांगों को सरकार तक पहुँचाना।
ज्ञातव्य है कि विगत दिनों हरीश रावत जी डायट प्रशिक्षितों की मांग को समर्थन देने निदेशालय धरनास्थल पहुंचे थे। इसी क्रम में उक्रांद पार्टी के अध्यक्ष काशी सिंह ऐरी पार्टी के मीडिया प्रभारी शिव प्रसाद सेमवाल के साथ निदेशालय धरनास्थल पहुँचे। उन्होंने बोला कि हमारी पार्टी डायट प्रशिक्षितों की मांग का पूर्णरूपेण समर्थन करती है। इनकी मांग संवैधानिक रूप से उचित है जिसका सरकर और विभाग को संज्ञान लेना चाहिए। उच्च न्यायालय में जो भी वाद लंबित है सरकार उस पर ठोस पैरवी करके मामलों को निस्तारण कर, डायट प्रशिक्षितों को उनका हक़ दें।
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