उत्तर नारी डेस्क
उत्तराखण्ड की वीरांगना तीलू रौतेली के जन्मदिवस पर राज्य सरकार अलग-अलग क्षेत्रों में विशिष्ट कार्य कर मिशाल पेश करने वाली महिलाओं को सम्मानित करती हैं। इस बार भी वीरांगना तीलू रौतेली के जन्मदिवस पर 8 अगस्त को प्रदेश सरकार ने हॉकी स्टार वंदना कटारिया सहित 22 महिलाओं को तीलू रौतेली पुरस्कार से सम्मानित किया। वहीं, आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को भी पुरस्कृत किया गया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की ओर से महिलाओं को 31 हजार की धनराशि पुरस्कार स्वरूप दी गई, लेकिन अवॉर्ड मिलने के साथ ही अब अवॉर्ड वापसी का सिलसिला भी शुरू हो गया है। वहीं, पुरस्कार लौटाने वाली दोनों महिलाओं का कहना है कि एक तरफ सरकार महिलाओं के उत्थान की बात कह रही है तो वहीं दूसरी तरफ उनका रोजगार छीन रही है।
आपको बता दें कि विकासनगर की गीता मौर्य और सहसपुर की श्यामा देवी स्वयं सहायता समूह चलाने का काम कर रही हैं, और बेहतर कार्य कर रही है। इसलिए उन्हें तत्कालीन धामी सरकार ने 8 अगस्त को सम्मानित किया था। लेकिन अब दोनों ने सरकार द्वारा मिले अपने तीलू रौतेली अवॉर्ड सरकार को वापस कर दिया है। दोनों महिलाओं का कहना है कि जिस कार्य के लिए उन्हें राज्य सरकार द्वारा सम्मानित किया जा रहा है, वहीं काम उनसे छीना जा रहा है। दरअसल महिलाओं की नाराजगी महिला बाल विकास विभाग में टेक होम राशन योजना में हुए बदलाव को लेकर है। हरीश रावत की सरकार में शुरु की गई टेक होम राशन योजना को महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग के माध्यम से संचालित किया जाता है, लेकिन कुछ दिन पहले ही विभाग ने टेक होम राशन की योजना को ठेके पर देने का फैसला किया है, बस इसी को लेकर महिला स्वयं सहायता समूहों में नाराजगी है।
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