उत्तर नारी डेस्क
बीते दिनों देहरादून जिले के ऋषिकेश से लगे रानीपोखरी में बना पुल टूट जाने के बाद से विपक्षी पार्टियां भाजपा सरकार के कामों पर जमकर निशाना साध रही है। तो वहीं इस मामले पर निष्पक्ष जांच की भी मांग की जा रही है। अब इसी क्रम में विपक्षी की भूमिका निभाते हुए हरदा ने भी भाजपा सरकार के कामों को लेकर सोशल मीडिया के माध्यम से जमकर वार किया है और रानीपोखरी पुल टूटने के कारण भी गिनाए है।
जी हां पूर्व सीएम हरीश रावत ने सोशल मीडिया के माध्यम से कहा है कि रानीपोखरी का पुराना पुल जो काफी मजबूत दिखाई देता था, टूट गया। टूटने के दो ही कारण हो सकते हैं, एक उसके चारों तरफ हो रहा अवैध खनन और दूसरा यह हो सकता है कि उसकी सेफ्टी ऑडिट न हुआ हो और पुल कमजोर हो गया हो। लेकिन जहां तक मुझे लगता है, ये पुल खनन के कारण टूटे हैं। इसी तरीके से एक पुल पहले गौला में भी टूटा था और भी बहुत सारे जगह जो पुलों को क्षति हुई है, ज्यादातर मामलों में मामला पुल क्षेत्र में हो रहे खनन का सामने आया है और यहां भी जिस तरीके से भाजपा राज में खनन का बोलबाला हो रहा है, यह उसकी एक बानगी लगती है। इंजीनियर्स की जांच केवल आईवॉस न हो, इसलिये आवश्यक है कि किसी बाहरी एजेंसी से, जो उत्तर प्रदेश से बाहर की एजेंसी हो उससे जांच करवाई जाए ताकि एक बार यह तो पता चले कि टूटने का कारण क्या है! यदि खनन इसका कारण निकलता है, तो फिर एक बार जितने खनन पट्टे पुलों के नजदीक दिये गये हैं, उन पर पुनर्विचार करना आवश्यक है।
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