उत्तर नारी डेस्क
दुनिया भर में कोरोना महामारी के बीच कोरोना वैक्सीनेशन अभियान चलाया जा रहा है। इस बीच कोरोना की नकली वैक्सीन की खबरें सुनने को मिल रही है। जिसके कारण आम लोगों को यह डर सता रहा है कि कहीं उन्हें भी तो नकली वैक्सीन तो नहीं लग गई है। वहीं, देश के कुछ राज्यों से नकली वैक्सीन के मामले सामने आने के बाद से उत्तराखण्ड का स्वास्थ्य विभाग भी सतर्क हो गया है। वहीं अब केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से मिली गाइडलाइन के मुताबिक अब निजी अस्पतालों को वैक्सीन असली है या नकली इसकी पहचान करने के लिए प्रशिक्षण दिया जायेगा। इसकी शुरुआत इसी सप्ताह कर दी जाएगी।
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बता दें कि देश के कुछ राज्यों में नकली कोरोना वैक्सीन की खबरे मिलने के बाद केंद्र सरकार ने मामले की छानबीन शुरू कर दी है। इसके साथ ही केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को एक असली वैक्सीन की पहचान के लिए एक खाका बनाकर भेजा है, जिसे देखकर पहचान की जा सकती है कि वैक्सीन असली है या नकली?
केंद्र सरकार ने इस खाका में अंतर पहचानने के लिए कोविशील्ड, को-वैक्सीन और स्पूतनिक-वी कोरोना वैक्सीन तीनों कोरोना वैक्सीन पर वैक्सीन का नाम, प्रकार, छपाई आदि के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई है। सभी राज्यों को इस संबंध में अपने यहां चिकित्सालयों को प्रशिक्षित करने को कहा गया है। प्रदेश में अभी कोरोना की रोकथाम के लिए तीन वैक्सीन आ रही हैं।
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