उत्तर नारी डेस्क
बताते चलें साल 2017 में सरकार ने देहरादून, ऋषिकेश और हरिद्वार को मेट्रोपॉलिटन क्षेत्र घोषित किया। उसके बाद देहरादून में दो कॉरिडोर (आईएसबीटी से राजपुर और एफआरआई से रायपुर) में मेट्रो चलाने के लिए सर्वे किया गया। अब इन्हीं दो रूटों पर मेट्रो नियो को संचालित करने की योजना है। तो वहीं दूसरे चरण में हरिद्वार-ऋषिकेश को रखा गया है। वहीं, हरिद्वार में इसके संचालन को लेकर पहला टेंडर जारी हुआ था, जिसमें कोई भी कंपनी सामने नहीं आई। अब दोबारा टेंडर जारी किया जाएगा। इस संबंध में उत्तराखण्ड मेट्रो रेल कॉरपोरेशन के एमडी जितेंद्र त्यागी ने बताया कि बोर्ड बैठक से पास होने के बाद हमने देहरादून के दो रूटों पर मेट्रो नियो के संचालन का प्रस्ताव शासन को भेज दिया है। यह प्रस्ताव जल्द ही कैबिनेट बैठक में रखा जाएगा।
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मेट्रो नियों की विशेषता -
- मेट्रो नियो सिस्टम रेल गाइडेड सिस्टम है, जिसमें रबड़ के टायर वाले इलेक्ट्रिक कोच होंगे।
- इसके कोच स्टील या एल्युमिनियम के बने होंगे। इसमें इतना पावर बैकअप होगा कि बिजली जाने पर भी ट्रेन 20 किमी चल सकेगी।
- सामान्य सड़क के किनारों पर फेंसिंग करके या दीवार बनाकर इसका ट्रैक तैयार किया जा सकेगा।
- इसमें ऑटोमेटिक ट्रेन प्रोटेक्शन सिस्टम होगा, स्पीड लिमिट भी नियंत्रण में रहेगी।
- इसमें टिकट का सिस्टम क्यू आर कोड या सामान्य मोबिलिटी कार्ड से होगा।
- इसके ट्रैक की चौड़ाई आठ मीटर होगी। जहां रुकेगी, वहां 1.1 मीटर का साइड प्लेटफॉर्म होगा। आईसलैंड प्लेटफॉर्म चार मीटर चौड़ाई का होगा।
- मेट्रो नियो की खूबी यह है कि इसमें मेट्रो नियो या मेट्रो लाइट के लिए 200 करोड़ तक का ही खर्च आएगा। चूंकि इसमें कम लागत आएगी, इसलिए इसमें यात्रियों को सस्ते सफर की सौगात भी मिलेगी।
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