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देहरादून : सचिवालय में नौकरी दिलाने का दिया लालच, ठगे 62 लाख

 उत्तर नारी डेस्क 

उत्तराखण्ड में ठगी के मामले बढ़ते ही जा रहें है। आये दिन ठगी और डाटा चोरी से लेकर अन्य कई तरह की खबरें सुनने और पढ़ने को मिलती हैं। अब वहीं खबर देहरादून से है। जहां सचिवालय में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने का मामला प्रकाश में आया है। जहां ठगों ने खुद को सचिवालय और उच्च प्रशासनिक सरकारी पदों पर तैनात बताकर दस युवकों को विभिन्न विभागों में नौकरी लगवाने का झांसा देकर 62 लाख रुपये ठग लिए है। 

पुलिस को दी तहरीर में मुजफ्फरनगर (उत्तर प्रदेश) के गोशाला नदी रोड निवासी मनीष कुमार ने बताया कि वह अपने परिचित बृजपाल निवासी मेरठ के साथ वर्ष 2018 में देहरादून आए थे। बृजपाल ने मनीष की मुलाकात सर्कुलर रोड क्षेत्र में रहने वाले कमल किशोर पांडे और उसके भाई चेतन पांडे से करवाई। कमल के माध्यम से मनीष की मुलाकात ललित बिष्ट निवासी पीडब्ल्यूडी कालोनी और मनोज नेगी से हुई। चेतन पांडे ने बताया कि वह सूचना विभाग देहरादून में सूचना अधिकारी के पद पर तैनात है। कमल किशोर पांडेय ने खुद को प्रशासनिक अधिकारी, ललित बिष्ट ने सचिवालय में सचिव और मनोज नेगी ने खुद को अपर सचिव के पद पर तैनात बताया।

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आरोपितों ने मनीष को झांसे में लिया और कहा कि वह कई युवकों की विभिन्न पदों पर नौकरी लगवा चुके हैं। अगर उत्तराखण्ड में नौकरी करना चाहते हैं तो यहां कुछ रिक्तियां आई हुई हैं। उन्हें व उनके परिचितों की अलग-अलग विभागों में नौकरी लगवा दी जाएगी। प्रति व्यक्ति नौ लाख रुपये खर्च होगा, जो अधीनस्थ व उच्च अधिकारियों को देना पड़ेगा। आरोपितों पर विश्वास करते हुए मनीष ने 26 नवंबर को अपने भाई व परिचितों के शैक्षिक प्रमाण पत्र समेत अन्य औपचारिक प्रमाण पत्र और अग्रिम भुगतान के रूप में चार लाख रुपये चेतन पांडेय व कमल पांडे को दिए। इसके बाद विभिन्न तिथियों को 58 लाख रुपये दिए। सात मई 2019 को कमल ने पीडि़त व परिचितों को सचिवालय बुलाया और मनोज नेगी से मिलवाया।

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15 मई को चेतन पांडे व कमल पांडे ने उन्हें दोबारा सचिवालय बुलाया और ललित बिष्ट ने उनका इंटरव्यू लिया। 28 मई को आरोपितों ने उनका दून अस्पताल में मेडिकल कराया। इसके बाद चार जून 2020 को ललित बिष्ट व मनोज नेगी ने सचिवालय बुलाकर अंगूठे के निशान लिए व हस्ताक्षर करवाए और पदों के बारे में बताया। छह जून को चेतन पांडे ने उन्हें सचिवालय बुलाकर फर्जी नियुक्ति पत्र भी सौंपे। इतना सब होने के बाद पीड़ित के होश तो तब उड़े जब उसे पता चला कि जिन विभागों के नियुक्ति पत्र जारी किए गए हैं, उन विभागों में तो भर्ती निकली ही नहीं है। पीडि़तों ने जब आरोपितों से संपर्क करने की कोशिश की तो सभी के मोबाइल बंद आए। जिसके बाद पीडि़तों ने पटेलनगर कोतवाली पुलिस के पास आरोपितों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया है। जिस पर इंस्पेक्टर प्रदीप राणा ने बताया कि आरोपित कमल किशोर पांडे, चेतन पांडे, ललित बिष्ट और मनोज नेगी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।

बता दें पीड़ि‍त उत्तर प्रदेश और हरियाणा के रहने वाले हैं। हर पीड़‍ित से चार लाख से साढ़े सात लाख रुपये की ठगी हुई है।

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